“मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार ने किया ‘माही स्वयं सहायता समूह’ की डेयरी और मिल्क बार का निरीक्षण, ग्रामीण महिलाओं की सफलता को सराहा”

(ब्योरो-दिलशाद खान) (रिपोर्ट-KNEWS18)
हरिद्वार, 24 जुलाई 2025 – मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार, आकांक्षा कोंडे ने आज विकासखंड नारसन के अंतर्गत संचालित श्री राधे कृष्णा सीएलएफ के “माही स्वयं सहायता समूह” द्वारा स्थापित डेयरी और “माही मिल्क बार” का निरीक्षण किया। यह परियोजना ग्रामोत्थान (रीप) के सहयोग से सीबीओ स्तर के उद्यमों के अंतर्गत प्रारंभ की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित करना है।नारसन ब्लॉक के सिकंदरपुर मवाल गांव की महिलाओं ने “माही स्वयं सहायता समूह” के माध्यम से दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। प्रारंभ में अत्यंत सीमित संसाधनों के साथ कार्य कर रहीं इन महिलाओं की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर थी। ग्रामोत्थान परियोजना के सहयोग से वर्ष 2023-24 में इंडियन ओवरसीज बैंक से ₹3 लाख का ऋण दिलाया गया, जबकि समूह ने स्वयं ₹1 लाख और परियोजना से ₹6 लाख का सहयोग प्राप्त हुआ। इस वित्तीय सहयोग से डेयरी व्यवसाय के लिए आवश्यक कार्यशील एवं स्थायी पूंजी की पूर्ति हो सकी।आज समूह प्रतिदिन 450 लीटर दूध का उत्पादन कर रहा है, जिसमें से 350 लीटर दूध आंचल डेयरी सहित रुड़की, मंगलौर व मोहम्मदपुर की स्थानीय डेयरियों को आपूर्ति किया जा रहा है। शेष 100 लीटर दूध का उपयोग मंगलौर स्थित “माही डेयरी आउटलेट” पर विभिन्न दुग्ध उत्पाद जैसे दही, लस्सी, पनीर, मावा एवं मक्खन तैयार करने में किया जा रहा है। इस आउटलेट से प्रतिदिन ₹5,000 से ₹7,000 की बिक्री हो रही है।समूह प्रतिदिन ₹22,500 की लागत से दूध खरीदता है और ₹24,750 की बिक्री करता है, जिससे ₹2,250 का सकल लाभ प्राप्त होता है। मासिक तौर पर ₹67,500 के लाभ में से ₹19,500 के परिवहन, श्रम और बिजली खर्च घटाकर समूह को लगभग ₹49,000 का शुद्ध मासिक लाभ हो रहा है। इस लाभ से लाभार्थी महिलाएं न केवल अपने परिवार की आवश्यकताओं की पूर्ति कर रही हैं, बल्कि बच्चों को बेहतर शिक्षा और पोषण भी उपलब्ध करा पा रही हैं।इस अवसर पर जिला परियोजना प्रबंधक श्री संजय सक्सेना, वाईपी आईटी श्री अमित सिंह, खंड विकास अधिकारी नारसन श्री सुभाष सैनी, बीएमएम प्रशांत, एमएंडई राशिद, एलसी हीना, एग्रीकल्चर एक्सपर्ट ललित, एवं सीएलएफ की समस्त बीओडी व स्टाफ भी उपस्थित रहे।“माही स्वयं सहायता समूह” की यह प्रेरणादायक सफलता ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना, उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास समिति और जिला प्रशासन हरिद्वार के समर्पित प्रयासों का परिणाम है, जो ग्रामीण समुदायों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के दिशा में एक उल्लेखनीय उदाहरण प्रस्तुत करती है।