*भलस्वागाज़ में आम के पेड़ों की अवैध कटाई पर SDO ने कहा– मिलेगी लिखित शिकायत तो करेंगे जांच*

(ब्योरो/दिलशाद खान)(रिपोर्ट/KNEWS18)
भगवानपुर क्षेत्र के भलस्वागाज़ गाँव में आम के चार पेड़ों की अवैध कटाई का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। वन विभाग और उद्यान विभाग द्वारा केस दर्ज किए जाने के बाद अब ठेकेदारों ने वन दरोगा पर 45 हज़ार रुपये रिश्वत लेकर वाहन छोड़ने का गंभीर आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है।ठेकेदार मेहर चंद ने मीडिया से बातचीत में स्वीकार किया कि उसने भलस्वागाज़ में आम के चार पेड़ बिना अनुमति के काटे थे। जब इस बारे में वन विभाग को सूचना मिली, तो विभाग की टीम मौके पर पहुंची और अनुमति की मांग की। अनुमति न दिखा पाने पर हड़कंप मच गया।मेहर चंद का आरोप है कि वन दरोगा ने मौके पर मौजूद चार वाहनों को छोड़ने के बदले 80 हज़ार रुपये की मांग की थी, जिनमें से 45 हज़ार रुपये मौके पर ही दिए गए। शेष रकम दो दिन बाद देने का समय दिया गया था। बावजूद इसके उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया, जिसे ठेकेदारों ने विभागीय लापरवाही करार दिया है।ठेकेदारों ने यह भी कहा कि वे इस पूरे प्रकरण की शिकायत उच्च अधिकारियों से करेंगे।गौरतलब है कि सोमवार की शाम वन दरोगा आशुतोष निम के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने भलस्वागाज़ में चार कटे हुए आम के पेड़ बरामद किए थे। इसके आधार पर अकरम, मेहर चंद, शमीम और आमिर समेत सात लोगों के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।इसी मामले में उद्यान विभाग ने बाग़ के मालिक बन सिंह को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।वहीं, वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आरोपित पहले भी वन तस्करी के मामलों में संलिप्त रहे हैं और जल्द ही इस मामले में बड़ी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने रिश्वत लेने के सभी आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया है।इस बीच, एसडीओ अनिल बलूनी ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है और यदि कोई व्यक्ति लिखित शिकायत देता है, तो जांच कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विभाग इस मामले को गंभीरता से ले रहा है।