पाडली गुर्जर–आसफनगर झाल क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग पर प्राधिकरण की सख्त कार्रवाई, पुलिस बल की मौजूदगी में चला बुलडोज़र, निर्माण ध्वस्त
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
रुड़की | 16 दिसम्बर 2025
तहसील रुड़की के अंतर्गत पाडली गुर्जर–आसफनगर झाल के समीप बड़े पैमाने पर की जा रही अनधिकृत प्लॉटिंग के खिलाफ प्राधिकरण ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रभावी कार्रवाई की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त क्षेत्र में मुकर्रम द्वारा लगभग 10 से 11 बीघा भूमि पर बिना किसी स्वीकृत मानचित्र एवं आवश्यक अनुमति के अवैध प्लॉटिंग विकसित की जा रही थी, जो नगर नियोजन एवं विकास नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।प्राधिकरण को जैसे ही इस अवैध गतिविधि की जानकारी मिली, संबंधित अधिकारियों द्वारा स्थल का निरीक्षण किया गया। जांच में पाया गया कि भूमि पर अवैध रूप से प्लॉट काटे जा रहे थे और निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया था। इसके पश्चात प्राधिकरण द्वारा अनधिकृत प्लॉटिंग के विरुद्ध अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत विधिक प्रक्रिया अपनाते हुए वाद योजित किया गया और निर्माणकर्ता को नोटिस जारी कर तत्काल निर्माण कार्य रोकने के निर्देश दिए गए । इसके बावजूद अनाधिकृत निर्माणकर्ता द्वारा प्राधिकरण के निर्देशों की अवहेलना करते हुए निर्माण कार्य जारी रखा गया। बार-बार चेतावनी और निर्देश देने के बाद भी जब निर्माण नहीं रोका गया, तो प्राधिकरण ने कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया। निर्धारित प्रक्रिया के अंतर्गत प्राधिकरण की टीम ने पुलिस बल की उपस्थिति में मौके पर पहुंचकर अवैध प्लॉटिंग एवं निर्माण को ध्वस्त किया।कार्रवाई के दौरान यह सुनिश्चित किया गया कि कानून-व्यवस्था की स्थिति बनी रहे। पुलिस बल की तैनाती के कारण पूरी कार्रवाई शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई। मौके पर मौजूद अनाधिकृत निर्माणकर्ता को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि भविष्य में बिना मानचित्र स्वीकृत कराए और बिना आवश्यक अनुमति प्राप्त किए किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य न किया जाए। साथ ही यह भी चेतावनी दी गई कि नियमों का उल्लंघन दोबारा पाए जाने पर और अधिक कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।रुड़की हरिद्वार विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष सोनिका ने बताया कि अवैध प्लॉटिंग न केवल शहरी नियोजन को प्रभावित करती है, बल्कि इससे आम जनता को भी भविष्य में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बिना स्वीकृति विकसित किए गए प्लॉटों में सड़क, जल निकासी, बिजली, पेयजल और अन्य बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहता है, जिससे नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा दोनों पर असर पड़ता है। इसी कारण प्राधिकरण द्वारा इस तरह की गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है।सहायक अभियंता प्रशांत सेमवाल ने आम नागरिकों से अपील की है कि किसी भी भूमि या प्लॉट को खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह प्राधिकरण से स्वीकृत है और संबंधित मानचित्र अनुमोदित हैं। अवैध कॉलोनियों और प्लॉटिंग में निवेश करने से भविष्य में कानूनी विवादों और आर्थिक नुकसान की आशंका बनी रहती है।प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया है कि क्षेत्र में अवैध निर्माण और अनधिकृत प्लॉटिंग के खिलाफ आगे भी इसी प्रकार सख्त कार्रवाई जारी रहेगी। नियमों का पालन सुनिश्चित कराने और नियोजित विकास को बढ़ावा देने के लिए प्राधिकरण पूरी तरह प्रतिबद्ध है।



