हरिद्वार महायोजना-2041: आपत्तियों और सुझावों पर सार्वजनिक सुनवाई सम्पन्न
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
हरिद्वार, 16 अक्टूबर 2025:
हरिद्वार महायोजना-2041 (प्रारूप) के तहत नागरिकों की भागीदारी और उनकी समस्याओं को योजना में समाहित करने के उद्देश्य से आज मायापुर स्थित भल्ला इंटर कॉलेज में सार्वजनिक सुनवाई का आयोजन किया गया। इस सुनवाई की अध्यक्षता हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने की। इस सुनवाई में महायोजना-2041 पर प्राप्त आपत्तियों और सुझावों पर विस्तृत चर्चा की गई और उपस्थित नागरिकों को अपनी बात रखने का अवसर दिया गया।सुनवाई में समिति के कई महत्वपूर्ण सदस्य उपस्थित थे। इनमें प्रभागीय वनाधिकारी, हरिद्वार, नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार, मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक उत्तराखण्ड (सदस्य/समिति सचिव), पुलिस अधीक्षक (यातायात एवं परिवहन), अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग, हरिद्वार, तथा सिंचाई खण्ड, हरिद्वार शामिल थे। समिति ने सुनिश्चित किया कि सभी प्राप्त आपत्तियों और सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना जाए और उन्हें भविष्य की योजना में समायोजित किया जा सके।सुनवाई स्थल पर बड़ी संख्या में आपत्तिकर्ता और नागरिक उपस्थित थे। उन्होंने योजना के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार और आपत्तियाँ प्रस्तुत कीं। नागरिकों ने मुख्य रूप से सड़क, जल आपूर्ति, परिवहन, हरित क्षेत्र संरक्षण, पार्किंग और औद्योगिक क्षेत्रों के नियोजन से जुड़ी आपत्तियाँ उठाईं। कई नागरिकों ने योजना में पारदर्शिता बढ़ाने, जमीन के उचित उपयोग और पर्यावरण संरक्षण के पक्ष में सुझाव दिए।समिति ने सभी उपस्थित नागरिकों की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और नोट्स तैयार किए। अधिकारियों ने कहा कि इन सुझावों और आपत्तियों का गहन विश्लेषण किया जाएगा और योजना में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। इससे महायोजना-2041 अधिक व्यावहारिक, प्रभावशाली और नागरिक-केंद्रित बनेगी।सुनवाई का यह आयोजन यह सुनिश्चित करता है कि योजना बनाने में नागरिकों की आवाज़ को महत्व दिया जाए। अधिकारियों ने कहा कि इस प्रक्रिया से न केवल योजना में सुधार होगा बल्कि नागरिकों का विश्वास और सहयोग भी बढ़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की सुनवाई नियमित रूप से आयोजित की जाएगी ताकि हर क्षेत्र और हर नागरिक की समस्याओं और सुझावों को योजना निर्माण में शामिल किया जा सके।हरिद्वार महायोजना-2041 के तहत आने वाले क्षेत्रों के निवासियों ने इस सुनवाई को काफी सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे उनकी समस्याओं को सीधे अधिकारियों तक पहुँचाने का अवसर मिला और योजना के प्रति उनकी जागरूकता भी बढ़ी।समिति ने यह भी आश्वासन दिया कि सभी आपत्तियों और सुझावों का रिकॉर्ड रखा जाएगा और योजना में सुधार के लिए सभी पक्षों को ध्यान में रखा जाएगा। इस सुनवाई ने यह स्पष्ट किया कि हरिद्वार महायोजना-2041 का उद्देश्य केवल शहरी विकास नहीं बल्कि नागरिकों की आवश्यकताओं और उनकी भागीदारी को सुनिश्चित करना भी है।इस सुनवाई के माध्यम से हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण ने यह संदेश दिया कि योजना बनाने में पारदर्शिता, नागरिक सहभागिता और क्षेत्रीय विकास के संतुलन को हमेशा प्राथमिकता दी जाएगी।



