हरिद्वार में औषधि विभाग की बड़ी कार्रवाई, बच्चों के कफ सिरप की बिक्री पर लगी रोक- तीन दिनों में लिए गए 23 दवाओं के नमूने,गुणवत्ता जांच जारी
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
उत्तराखंड के फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) विभाग ने बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए औषधि विक्रेताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अपर आयुक्त फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के निर्देश पर मंगलवार को जिले में कई मेडिकल स्टोरों पर औचक निरीक्षण अभियान चलाया गया। निरीक्षण के दौरान टीम ने उन प्रतिष्ठानों पर सख्त कार्रवाई की, जहां बच्चों को खांसी और जुकाम के इलाज में दी जाने वाली प्रतिबंधित दवाएं (कफ सिरप) पाई गईं।टीम ने निरीक्षण के दौरान ऐसे सभी मेडिकल स्टोरों में भंडारित कफ सिरप को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया और इन दवाओं की बिक्री पर रोक लगाने के आदेश जारी किए। अधिकारियों ने स्पष्ट निर्देश दिए कि जांच रिपोर्ट आने तक संबंधित औषधियों की बिक्री किसी भी स्थिति में नहीं की जाएगी।विभागीय अधिकारियों ने बताया कि निरीक्षण के दौरान कई दवा विक्रेताओं ने स्वयं संज्ञान लेते हुए इन दवाओं को बिक्री से हटा दिया था। ऐसे प्रतिष्ठानों में टीम ने मौके पर पहुंचकर दवाओं को सील किया और संबंधित दस्तावेजों की जांच की।इस दौरान कुल सात दवाओं के नमूने गुणवत्ता परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए। इससे पहले पिछले तीन दिनों में विभाग द्वारा 16 अन्य कफ सिरप के नमूने जांच हेतु लिए जा चुके हैं। इस प्रकार अब तक कुल 23 दवाओं के नमूने जांच प्रक्रिया में शामिल किए जा चुके हैं।अपर आयुक्त के निर्देशन में चलाए जा रहे इस विशेष अभियान का मुख्य उद्देश्य राज्य में उपलब्ध बच्चों की दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। हाल के दिनों में केंद्रीय औषधि नियामक प्राधिकरण (सीडीएससीओ) द्वारा कुछ कंपनियों के कफ सिरप को लेकर जारी चेतावनी के बाद विभाग ने राज्यभर में सतर्कता बढ़ा दी है।विभागीय सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में यह अभियान और तेज किया जाएगा। दवा विक्रेताओं को निर्देश दिए गए हैं कि वे बिना लाइसेंस, बिना उचित बिल और संदिग्ध स्रोतों से खरीदी गई दवाओं का भंडारण या विक्रय न करें। नियमों के उल्लंघन की स्थिति में संबंधित मेडिकल स्टोरों के विरुद्ध ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।एफएसडीए अधिकारियों ने आम जनता से भी अपील की है कि वे बच्चों को किसी भी कफ सिरप या दवा देने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें और दवा का नाम, कंपनी और एक्सपायरी डेट जांचें।विभाग का कहना है कि स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए इस तरह की कार्रवाई आगे भी निरंतर जारी रहेगी। अधिकारियों का मानना है कि इस अभियान से प्रदेश में औषधि विक्रय प्रणाली और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनेगी।



