ड्रग कंट्रोल विभाग का औचक निरीक्षण: नार्कोटिक्स दवाओं के लाइसेंस और स्टॉक की जांच
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
जिले में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार पर रोक लगाने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत ड्रग कंट्रोल विभाग की टीम ने सिडकुल क्षेत्र स्थित जेपी कंपनी का औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण में ड्रग विभाग की टीम के साथ एएनटीएफ (एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स) और स्थानीय पुलिस बल भी शामिल रहा।वरिष्ठ ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने बताया कि यह निरीक्षण जिले में उन सभी कंपनियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है, जो नार्कोटिक्स श्रेणी की दवाइयों का निर्माण करती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस तरह की कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य कंपनियों के लाइसेंस की वैधता की जांच करना, दवाइयों के स्टॉक, वितरण और सप्लाई की व्यवस्थाओं को परखना तथा किसी भी तरह की अनियमितता की संभावना को समाप्त करना है।निरीक्षण के दौरान टीम ने जेपी कंपनी में उपलब्ध लाइसेंस, स्टॉक रजिस्टर, बिलिंग और सप्लाई से संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच की। जांच में पाया गया कि कंपनी की सभी व्यवस्थाएं सही पाई गईं। वरिष्ठ निरीक्षक भारती ने कहा कि नार्कोटिक्स श्रेणी की दवाइयों का व्यापार बेहद संवेदनशील विषय है और इसमें पारदर्शिता और कानूनी प्रक्रिया का पालन करना बेहद जरूरी है। यदि कोई कंपनी सप्लाई कर रही है तो उसके पास पूर्ण रूप से बिलिंग दस्तावेज और ग्राहकों के वैध लाइसेंस होना अनिवार्य है।उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तरह की जांच का उद्देश्य केवल खामियां ढूंढना नहीं है, बल्कि कंपनियों को नियमों के पालन के प्रति सजग और जिम्मेदार बनाना है। यदि किसी निरीक्षण के दौरान किसी कंपनी को नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, जिससे भविष्य में अन्य कंपनियों के लिए भी यह एक सख्त संदेश साबित होगा।निरीक्षण के दौरान ड्रग्स इंस्पेक्टर मेघा, हरीश, विजय सिंह, सुनील सिंह, राजवर्धन, सतेंद्र चौधरी और मीनाक्षी भी मौजूद रहे। टीम ने औचक निरीक्षण के दौरान कंपनी परिसर का जायजा लिया और सभी रिकॉर्ड को बारीकी से परखा।ड्रग कंट्रोल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह अभियान केवल जेपी कंपनी तक सीमित नहीं है, बल्कि जिले में मौजूद उन सभी फार्मा कंपनियों पर लागू होगा जो नार्कोटिक्स श्रेणी की दवाइयां बनाती या उनका वितरण करती हैं। इस तरह की कार्रवाई से न केवल अवैध व्यापार पर अंकुश लगेगा, बल्कि वैध कंपनियों का संचालन भी पारदर्शी और सुरक्षित तरीके से हो सकेगा।कुल मिलाकर, यह औचक निरीक्षण सरकार की उस गंभीर मंशा को दर्शाता है जिसके तहत नशीली दवाओं के अवैध कारोबार को रोकना और आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। आने वाले समय में भी इस तरह की कार्रवाइयां जिले की अन्य कंपनियों में की जाएंगी, ताकि कोई भी कंपनी नियमों से खिलवाड़ न कर सके।
यह कदम नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ एक ठोस प्रयास माना जा रहा है, जो भविष्य में समाज को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने में सहायक साबित होगा।



