उत्तराखंड राज्य में दवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए एफडीए सख्त,दी चेतावनी

ब्योरो (दिलशाद खान)(रिपोर्ट-KNEWS18)
हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य में दवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए एफडीए द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह के निर्देशानुसार राज्यभर में निर्माण इकाइयों का निरंतर निरीक्षण एवं सुधार कार्य जारी है।इन्हीं निर्देशों के तहत सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर हरिद्वार अनीता भारती ने अपनी टीम के साथ फार्मा कंपनियों एवं मेडिकल स्टोर्स का नियमित निरीक्षण प्रारंभ कर दिया है। आज के निरीक्षण में सीडीएससीओ व स्टेट इंस्पेक्टर की टीम द्वारा दो निर्माण इकाइयों का निरीक्षण किया गया। नेपुर फार्मा पर दोबारा निरीक्षण, उत्पादन पर रोक जारी
सिदकुल स्थित नेपुर फार्मा कंपनी, जिस पर पिछले माह कमियों के चलते उत्पादन पर रोक लगाई गई थी, का आज पुनः निरीक्षण किया गया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक सभी कमियां पूरी तरह दूर नहीं की जातीं, तब तक उत्पादन की अनुमति नहीं दी जाएगी।ग्रोनवेरी कंपनी का निरीक्षण डब्ल्यूएचओ मानकों और निर्माण गुणवत्ता के आधार पर किया गया। यह निरीक्षण कंपनी द्वारा दवाओं के अंतरराष्ट्रीय निर्यात के उद्देश्य से किया गया था। निरीक्षण के दौरान कुछ मामूली कमियां पाई गईं जिन्हें दूर करने की प्रक्रिया चल रही है। सुधार के बाद कंपनी को निर्यात हेतु आवश्यक प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे।
कड़ी चेतावनी : गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं
अपर आयुक्त ताजबर सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत सभी दवा कंपनियों को गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित करना होगा। एफडीए की ‘शून्य सहनशीलता नीति’ के तहत यदि कोई कंपनी निम्न गुणवत्ता की दवाएं बनाती है, तो उसके खिलाफ सख्त प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
हरिद्वार में निरंतर निरीक्षण, डब्ल्यूएचओ प्रमाणन की दिशा में प्रयास
हरिद्वार में सर्वाधिक निर्माण इकाइयां स्थित होने के कारण यहां प्रतिदिन निरीक्षण किया जा रहा है। वर्तमान में जनपद की लगभग 7% कंपनियां ही डब्ल्यूएचओ प्रमाणित हैं। शेष कंपनियों को भी अंतरराष्ट्रीय मानकों तक पहुंचाने के लिए सुधार कार्य लगातार जारी है।ज्वालापुर क्षेत्र में टीम द्वारा आधा दर्जन थोक दवा विक्रेताओं का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान तीन दवाओं के नमूने परीक्षण हेतु लिए गए। अधिकारियों ने सभी विक्रेताओं को सख्त निर्देश दिए कि वे किसी अज्ञात व्यक्ति या बिना लाइसेंसधारी से दवाएं बिना बिल के न खरीदें, ताकि नकली दवाओं के कारोबार को रोका जा सके। इस दिशा में कार्रवाई लगातार की जा रही है।राज्य सरकार और एफडीए दवाओं की गुणवत्ता को लेकर पूरी तरह सजग हैं और दवा उद्योग में सुधार सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। निरीक्षण और कार्रवाई की इस श्रृंखला से उम्मीद की जा रही है कि उत्तराखंड फार्मा उद्योग अंतरराष्ट्रीय स्तर की गुणवत्ता हासिल कर सकेगा।