चमोली के सौरभ बिष्ट बने भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर, गांव और जिले का नाम किया रोशन
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
रुड़की (हरिद्वार)। उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग तहसील अंतर्गत ग्राम सुकना (बरतोली) के मूल निवासी सौरभ बिष्ट ने भारतीय वायु सेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनकर अपने गांव, जिले और प्रदेश का नाम रोशन किया है। शनिवार को भारतीय वायु सेना अकादमी, हैदराबाद में आयोजित भव्य पासिंग आउट परेड में सौरभ बिष्ट ने देश की सेवा की शपथ ली। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है।सौरभ बिष्ट तीसरी पीढ़ी के ऐसे युवा हैं, जिन्होंने सेना में सेवा कर देशभक्ति की परंपरा को आगे बढ़ाया है। उनके दादा स्वर्गीय श्री जमान सिंह बिष्ट और पिता श्री वीरेंद्र सिंह बिष्ट दोनों ही सेना में सेवाएं दे चुके हैं। परिवार की इसी सैन्य पृष्ठभूमि से प्रेरणा लेकर सौरभ ने भी देश सेवा का मार्ग चुना और कड़ी मेहनत के बल पर भारतीय वायु सेना में अधिकारी बनने का सपना साकार किया।सौरभ बिष्ट ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सैनिक स्कूल रुद्रपुर कैंप से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल घोड़ाखाल (नैनीताल) से पूरी की। आगे की उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी, देहरादून से स्नातक की पढ़ाई की। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने शारीरिक फिटनेस, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता पर विशेष ध्यान दिया, जिसका परिणाम आज सभी के सामने है।वर्ष 2024 में सौरभ बिष्ट का चयन भारतीय वायु सेना अकादमी, हैदराबाद के लिए हुआ। कठिन प्रशिक्षण और अनुशासनपूर्ण जीवन के दौरान उन्होंने अपने लक्ष्य पर पूरी निष्ठा से ध्यान केंद्रित रखा। अंततः उन्होंने प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर फ्लाइंग ऑफिसर के रूप में भारतीय वायु सेना में कमीशन प्राप्त किया।सौरभ के पिता श्री वीरेंद्र सिंह बिष्ट 22वीं गढ़वाल राइफल्स में सूबेदार मेजर/ऑनरेरी कैप्टन के पद से सेवा दे चुके हैं। उनकी माता श्रीमती चमोली देवी वर्तमान में मिलिट्री हॉस्पिटल रुड़की में सीनियर नर्सिंग असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं। परिवार वर्तमान में हरिद्वार जिले के रुड़की (ढंडेरा) स्थित आदर्श शिवाजी नगर में निवास करता है।सौरभ बिष्ट की इस सफलता पर गांव सुकना, कर्णप्रयाग क्षेत्र, रुड़की और पूरे चमोली जिले में खुशी की लहर है। स्थानीय लोगों, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों ने उन्हें बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। ग्रामीणों का कहना है कि सौरभ की सफलता से क्षेत्र के युवाओं को सेना और वायु सेना में जाने की नई प्रेरणा मिलेगी।सौरभ बिष्ट ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, शिक्षकों और कठिन परिश्रम को दिया है। उन्होंने कहा कि देश की सेवा करना उनका सपना था, जो आज पूरा हुआ है। वे भविष्य में भी पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए राष्ट्र सेवा करते रहेंगे।



