उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को रुड़की में दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि,दिवाकर भट्ट सहित आंदोलनकारियों के बलिदान को याद किया
(ब्योरो – दिलशाद खान। KNEWS18) – उत्तराखण्ड)
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति, अशोक नगर क्षेत्रीय विकास समिति एवं रुड़की गढ़वाल सभा के संयुक्त तत्वावधान में अशोक नगर क्षेत्रीय विकास समिति के सभागार में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा में दिवंगत राज्य आंदोलनकारियों एवं विभिन्न कालोनियों में स्वर्गवासी हुए नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समिति के पदाधिकारी, वरिष्ठ नागरिक, समाजसेवी एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता समितियों के केंद्रीय अध्यक्ष एवं गढ़वाल सभा, रुड़की के संरक्षक श्री हर्ष प्रकाश काला ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “विशेष उद्देश्य के लिए संघर्ष करने वाले हमेशा अमर रहते हैं।” उन्होंने स्मरण कराया कि उत्तराखंड राज्य किसी भी सरकार द्वारा आसानी से नहीं दिया गया, बल्कि यह आंदोलनकारियों के लंबे संघर्ष, त्याग और बलिदानों का परिणाम है। राज्य निर्माण की लड़ाई में जहाँ 42 से अधिक आंदोलनकारियों ने शहादत दी, वहीं हजारों आंदोलनकारियों ने अपमान, लाठीचार्ज, गिरफ्तारी और अमानवीय परिस्थितियों का सामना किया।उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण में कई नेताओं ने अपना जीवन समर्पित किया, जिनमें वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं उत्तराखंड के “फील्ड मार्शल” कहे जाने वाले स्वर्गीय दिवाकर भट्ट, जो उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे, सबसे प्रमुख रहे। हर्ष प्रकाश काला ने बताया कि दिवाकर भट्ट जी ने उत्तराखंड राज्य के लिए हर उस व्यक्ति से संपर्क किया जो किसी भी रूप में राज्य गठन में सहयोग कर सकता था। चाहे वह लोकसभा के सदस्य हों, झारखंड के नेता शिबू सोरेन, या महाराष्ट्र शिवसेना के प्रमुख बाल ठाकरे, सभी से उन्होंने राज्य आंदोलन के समर्थन की अपील की।उन्होंने 31 अगस्त 1994 की घटना को याद करते हुए कहा कि जब आंदोलनकारियों का एक दल संसद घेराव के लिए दिल्ली जा रहा था, तब दिल्ली पुलिस ने दिवाकर भट्ट को निशाना बनाकर लाठीचार्ज किया। उस समय वरिष्ठ आंदोलनकारी श्रीमती कमला उनके ऊपर लेट गईं और खुद लाठियाँ खाईं ताकि भट्ट जी को बचाया जा सके। काला ने कहा कि ऐसे त्याग और साहस के उदाहरण अत्यंत दुर्लभ हैं और दिवाकर भट्ट का योगदान इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।श्रद्धांजलि सभा में विभिन्न दिवंगत आंदोलनकारियों—अजब सिंह चौहान (रोहालकी), मोहिनी मिश्रा (कनखल), शकुंतला रावत (राजेंद्र नगर), कमला रावत (सुभाष नगर), विरेन्द्र प्रसाद खंतवाल, अब्बल सिंह नेगी, सरोजनी पुरोहित (भारत कालोनी), प्रेम सिंह ‘पहाड़ी’ कंडियाल—सहित कई वरिष्ठ लोगों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी गई। इसी के साथ समाज और आंदोलन में सक्रिय रहे गौरव बलूनी, सूरज रावत, पांडेश्वर नाथ पांडेय श्री, कामेश्वर पाण्डेय, श्याम लाल बहुखंडी, पांडेश्वर लखेड़ा, दिनेश जोशी, सीमा बिष्ट हेमारावत आदि की दिवंगत आत्माओं को भी याद किया गया।कार्यक्रम में सभी उपस्थित लोगों द्वारा दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की गई। श्रद्धांजलि सभा का संचालन सह सचिव विजय सिंह पंवार ने किया।सभा में मौजूद सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन के नायकों के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता, और आने वाली पीढ़ियों को उनके बलिदानों से प्रेरणा लेनी चाहिए।



