भारतीय किसान यूनियन तोमर ने किसानों की समस्याओं को लेकर एसडीएम को सौंपा 17 सूत्रीय ज्ञापन
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
भगवानपुर में भारतीय किसान यूनियन तोमर ने किसानों के हितों और लंबित मांगों को लेकर आज सुबह एक बड़ा प्रदर्शन करते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचकर एसडीएम देवेंद्र सिंह नेगी को 17 सूत्रीय मांगों वाला ज्ञापन सौंपा। बड़ी संख्या में पहुंचे किसानों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने किसानों की समस्याओं पर तत्काल निर्णय नहीं लिया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की लगातार उपेक्षा कर रही है और उनके हक़ का भुगतान समय पर नहीं हो रहा है।राष्ट्रीय सचिव मो. तालिब हसन ने प्रदेश सरकार पर किसानों के शोषण का आरोप लगाते हुए कहा कि किसान अपने गन्ने के भुगतान के लिए महीनों से परेशान हैं, लेकिन सरकार और संबंधित विभाग इस मुद्दे पर बिल्कुल गंभीर नहीं हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले भी मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा था, लेकिन आज तक मुलाकात नहीं हो पाई है। अब किसानों के प्रतिनिधिमंडल को लेकर पुनः मुख्यमंत्री से मिलने का आग्रह किया गया है, और यदि 1 सप्ताह के भीतर समय नहीं मिला तो हजारों किसानों के साथ मुख्यमंत्री आवास कूच किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।तालिब हसन ने कहा कि उत्तराखंड के किसान महंगाई और बढ़ती लागत के बोझ तले दबे हुए हैं जबकि गन्ने का समर्थन मूल्य उनकी लागत के अनुरूप नहीं बढ़ाया जा रहा। उन्होंने मांग रखी कि उत्तराखंड में गन्ना मूल्य कम से कम ₹500 प्रति कुंतल निर्धारित किया जाए, ताकि किसान आर्थिक रूप से सक्षम हो सकें।
किसानों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में प्रमुख मांगें शामिल हैं—
उत्तराखंड में गन्ना मूल्य ₹500 प्रति कुंतल किया जाए
इकबालपुर चीनी मिल से किसानों का लंबित भुगतान तत्काल किया जाए
60 वर्ष की आयु पार कर चुके किसानों को ₹10,000 प्रतिमाह पेंशन दी जाए
टूटी-फूटी नहरों की मरम्मत कर सिंचाई व्यवस्था बहाल की जाए
मूलचंद एंक्लेव फेस-2 में नाले का निर्माण कराया जाए
देहरादून-शिमला बाइपास रोड पर स्कूल समय में भारी वाहनों की आवाजाही रोकी जाए
किसानों के वाहनों को टोल प्लाजा पर पूरी तरह टोल मुक्त किया जाए
किसान नेताओं ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार अब भी चुप बैठी रही तो उनकी आवाज को मजबूती से उठाया जाएगा और लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन और भी बड़ा रूप ले सकता है। किसानों ने कहा कि उन्हें झूठे आश्वासनों से नहीं, बल्कि समस्याओं के समाधान से मतलब है।ज्ञापन सौंपने के दौरान यूनुस प्रधान, समीर, मोनू कुरैशी, दानिश, इसरार, डॉ. इखलाक, अरशद, मोनू मुंशी, गुलशेर, इमरान सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। भारतीय किसान यूनियन तोमर ने साफ कहा कि यह संघर्ष किसानों के अधिकारों और सम्मान के लिए है और जब तक मांगे पूरी नहीं होतीं, उनकी लड़ाई जारी रहेगी।



