हरिद्वार पुलिस का विशेष अभियान: स्कूल–कॉलेजों में बनेगी एंटी ड्रग कमेटी, भविष्य की पीढ़ी को नशे से बचाने का संकल्प
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
हरिद्वार। नशा-मुक्त उत्तराखंड—देवभूमि अभियान को प्रभावी बनाने के लिए हरिद्वार पुलिस लगातार सक्रिय भूमिका निभा रही है। इसी कड़ी में आज दिनांक 21 नवंबर 2025 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार के निर्देशन में सहायक पुलिस अधीक्षक/क्षेत्राधिकारी ऑपरेशन जितेंद्र चौधरी की अध्यक्षता में पुलिस कार्यालय रोशनाबाद में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में एएनटीएफ (ANTF) की जनपदीय टीम सहित जनपद के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्य एवं प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।बैठक का मुख्य उद्देश्य शिक्षण संस्थानों और पुलिस प्रशासन के बीच समन्वय को मजबूत करना था, ताकि विद्यार्थी वर्ग को नशे की लत से दूर रखने और भविष्य के नागरिकों को सुरक्षित, जागरूक एवं जिम्मेदार बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें। एएसपी ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और उन्हें गलत राह पर जाने से रोकना तथा नशे की गिरफ्त में आने पर सही काउंसलिंग उपलब्ध कराना समाज और व्यवस्था दोनों का दायित्व है।बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी शिक्षण संस्थान अपने यहाँ एंटी ड्रग कमेटी और एंटी ड्रग क्लब का गठन करें, जिससे विद्यार्थियों के बीच जागरूकता अभियान प्रभावी रूप से चल सके। साथ ही सभी स्कूलों व कॉलेजों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों से छात्रों से एंटी ड्रग डिक्लेरेशन फॉर्म / सहमति पत्र भरवाने की अपील की गई है। इन सहमति पत्रों के आधार पर आगामी समय में छात्रों के रैंडम एंटी ड्रग टेस्ट किए जाएंगे, जिन्हें सीएमओ हरिद्वार की टीम द्वारा संचालित किया जाएगा। यह पहल इस उद्देश्य से की जा रही है कि शुरुआती स्तर पर ही उन छात्रों की पहचान हो सके जो नशे की चपेट में आने लगे हैं, ताकि समय रहते उनकी काउंसलिंग और उपचार हो सके।
बैठक के दौरान विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव साझा किए और संस्थानों से जुड़ी सुरक्षा एवं सामाजिक चुनौतियों के बारे में भी जानकारी दी। एएसपी ने सभी बिंदुओं को गंभीरता से सुना और संबंधित थाने स्तर पर आवश्यक निर्देश जारी किए। अधिकारियों ने कहा कि पुलिस और स्कूल प्रबंधन के बीच लगातार संवाद और सहयोग से ही नशे के खिलाफ यह मुहिम सफल हो सकेगी।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों ने अभियान के प्रति पूर्ण समर्पण और सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य को सुरक्षित और नशा-मुक्त रखना विद्यालयों व कॉलेजों की प्राथमिक जिम्मेदारी है, और यह तभी संभव है जब परिवार, समाज और पुलिस प्रशासन भी मिलकर इस दिशा में कार्य करें।हरिद्वार पुलिस द्वारा संचालित यह पहल न केवल नशा नियंत्रण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि युवाओं को सही मार्गदर्शन देने और समाज में सकारात्मक वातावरण बनाने के प्रयासों को भी गति प्रदान करेगी। बैठक के अंत में सभी प्रतिभागियों ने नशा-मुक्त उत्तराखंड का संकल्प दोहराया और कहा कि स्कूलों व कॉलेजों की सार्थक भागीदारी ही इस अभियान को जन-आंदोलन का रूप दे सकेगी।यह बैठक न केवल प्रशासन और शिक्षण संस्थानों के बीच साझेदारी का एक मजबूत उदाहरण बनी, बल्कि इसने समाज को नशे से मुक्त करने की दिशा में एक सकारात्मक संदेश भी दिया।



