भगवानपुर ब्लॉक प्रमुख करुणा कर्णवाल निलंबित, ताऊ देशराज कर्णवाल पर कार्यालय चलाने के आरोप में कार्रवाई
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
हरिद्वार। रुड़की क्षेत्र के भगवानपुर ब्लॉक में बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए ब्लॉक प्रमुख करुणा कर्णवाल को उनके पद से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। करुणा कर्णवाल पर आरोप है कि उनके ताऊ देशराज कर्णवाल उनके कार्यालय का संचालन कर रहे थे और पंचायत की आधिकारिक गतिविधियों में हस्तक्षेप कर रहे थे। शिकायत की जांच में आरोप सही पाए जाने पर पंचायती राज विभाग उत्तराखंड के निदेशक ने निलंबन की कार्रवाई की।गौरतलब है कि करुणा कर्णवाल वर्ष 2022 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा समर्थित प्रत्याशी के रूप में ब्लॉक प्रमुख बनी थीं। उनके ताऊ देशराज कर्णवाल पूर्व विधायक रहे हैं और पार्टी में प्रभावशाली माने जाते हैं। आरोपों के अनुसार, ब्लॉक प्रमुख बनने के बाद से ही कार्यालय में देशराज कर्णवाल का दखल बढ़ गया था और वे खुद कार्यालय संचालन, बैठकों में भागीदारी और विकास कार्यों की दिशा तय करने जैसे निर्णय लेने लगे थे।शिकायतकर्ता ने अपने आरोपों के समर्थन में वीडियो और सोशल मीडिया पर उपलब्ध अन्य सबूत प्रशासन को सौंपे। जांच के दौरान यह पाया गया कि देशराज कर्णवाल कार्यालय में नियमित रूप से बैठते थे और फाइलों पर हस्ताक्षर तक करते थे। इन गंभीर आरोपों को जांच टीम ने पुष्ट पाया और अपनी रिपोर्ट में ब्लॉक प्रमुख को अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों के निर्वहन में विफल करार दिया। रिपोर्ट में कहा गया कि करुणा कर्णवाल ने ब्लॉक प्रमुख का पद अपने ताऊ को सौंप रखा था जो स्पष्ट रूप से पंचायत कानून का उल्लंघन है।जांच रिपोर्ट मिलने के बाद निदेशक पंचायत राज ने तत्काल प्रभाव से करुणा कर्णवाल को पद से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। विभागीय सूत्रों के अनुसार, मामले की विस्तृत जांच आगे भी जारी रहेगी और दोष सिद्ध होने पर स्थायी कार्रवाई भी की जा सकती है।जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि पंचायत के निर्वाचित पद का संचालन किसी भी प्रकार से किसी अन्य व्यक्ति को नहीं सौंपा जा सकता। किसी रिश्तेदार द्वारा इस तरह के अधिकारों का प्रयोग न केवल गैरकानूनी है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत भी है। यह मामला पंचायत व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है और अन्य ब्लॉकों के लिए भी नजीर बन सकता है।इस कार्रवाई के बाद विपक्ष ने भाजपा पर तीखे हमले बोले हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा द्वारा समर्थित प्रत्याशी खुद प्रशासनिक नियमों का पालन करने में विफल रही हैं। वहीं सत्तापक्ष के कुछ नेताओं ने इसे “व्यक्तिगत गलती” बताते हुए संगठन से इसका कोई संबंध न होने की बात कही है निदेशक पंचायत राज ने स्पष्ट किया है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, करुणा कर्णवाल अपने पद पर बहाल नहीं हो सकेंगी। विभाग ने उनके विरुद्ध आरोप पत्र तैयार कर लिया है और विस्तृत कार्रवाई जल्द ही की जाएगी।इस पूरे घटनाक्रम ने भगवानपुर ब्लॉक की पंचायत राजनीति में हलचल मचा दी है। एक ओर जहां निलंबन को नियमों के पालन की दिशा में ठोस कदम बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पंचायत प्रशासन की साख पर उठे इस प्रश्न का जवाब अब विस्तृत जांच के बाद ही साफ होगा।



