उत्तराखंड पुलिस की नकल माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई,एक्जाम से पहले नकल माफिया हाकम सिंह गिरफ्तार
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
देहरादून, 21 सितम्बर 2025।
उत्तराखंड पुलिस ने नकल माफिया के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त नकल विरोधी कानून के तहत की गई। आरोपियों पर अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उन्हें परीक्षा में पास कराने का प्रलोभन देने और धोखाधड़ी का आरोप है।
अभ्यर्थियों से मांगी जा रही थी मोटी रकम
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी अभ्यर्थियों से 12 से 15 लाख रुपये तक की मांग कर रहे थे। बदले में उन्हें परीक्षा पास कराने का झांसा दिया जा रहा था। योजना के तहत जो उम्मीदवार स्वयं लिखकर परीक्षा में पास नहीं हो पाते, उनकी जगह किसी अन्य व्यक्ति को बैठाने और पैसे लेकर परीक्षा उत्तीर्ण कराने का पूरा प्लान तैयार किया गया था।
सूचना पर हुई कार्रवाई
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली करने की फिराक में हैं। इस सूचना के बाद एसटीएफ और पुलिस की टीम ने जाँच शुरू की और जाल बिछाकर आरोपियों को धर दबोचा। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान ग्राम मिंजुड़, थाना मोरी, जिला उत्तरकाशी निवासी 42 वर्षीय अभियुक्त और ग्राम देवली, थाना राजपुर, जिला देहरादून निवासी 32 वर्षीय अभियुक्त के रूप में हुई है।
पुलिस की जांच में बड़ा खुलासा
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे अभ्यर्थियों से संपर्क कर रहे थे और उन्हें पास कराने का झांसा देकर मोटी रकम ऐंठने की योजना बना चुके थे। एक आरोपी ने परीक्षा संबंधी जानकारी इकट्ठा कर अभ्यर्थियों तक पहुँचाने की जिम्मेदारी ली थी, जबकि दूसरा सीधे उम्मीदवारों से संपर्क कर पैसों की मांग करता था।
सख्त कानून का असर
मुख्यमंत्री धामी सरकार द्वारा लागू किए गए नकल विरोधी कानून के बाद यह पहली बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है। इस कानून के तहत दोषियों पर कड़ी सजा और भारी जुर्माने का प्रावधान है। अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और गोपनीयता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
आगे की कार्रवाई जारी
फिलहाल दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर आगे की जांच की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि इस पूरे रैकेट में और कितने लोग शामिल हैं तथा कितने अभ्यर्थियों से पैसे वसूले गए हैं।
इस कार्रवाई के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो रहे हजारों अभ्यर्थियों ने राहत की सांस ली है। उनका कहना है कि इस तरह की धोखाधड़ी न केवल मेहनती विद्यार्थियों का भविष्य बिगाड़ती है बल्कि पूरे समाज में गलत संदेश देती है।
पुलिस अधिकारियों ने साफ कहा है कि परीक्षा की सुरक्षा और गोपनीयता को हर हाल में बनाए रखा जाएगा। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी अभ्यर्थी ऐसे प्रलोभन में न फँसे और मेहनत करने वाले छात्रों का हक सुरक्षित रहे।



