कोर विश्वविद्यालय की UBA टीम ने गाँवों में किया बेसलाइन सर्वे, ग्रामीण विकास को मिलेगी नई दिशा
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
रुड़की।
कोर विश्वविद्यालय की Unnat Bharat Abhiyan (UBA) टीम ने ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और गाँवों की जमीनी जरूरतों को समझने के उद्देश्य से चिन्हित गाँवों में बेसलाइन सर्वे सम्पन्न किया। यह सर्वे विश्वविद्यालय प्रशासन की सक्रिय पहल और मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें गाँवों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, रोजगार और बुनियादी ढांचे से संबंधित जानकारी एकत्र की गई।UBA टीम का मानना है कि इस सर्वे के माध्यम से गाँवों के विकास के लिए एक ठोस और वास्तविक आधार तैयार होगा, जिससे भविष्य में योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जा सकेगा।इस सर्वे को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) अंकुश मित्तल और डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. अमरनाथ के मार्गदर्शन और प्रेरणा से सम्पन्न किया गया। सर्वे कार्य का नेतृत्व डॉ. मोहित गुप्ता, प्रो. दीप गुप्ता, डॉ. प्रशांत कुमार, श्री राज सिंह और श्री विपिन कुमार ने किया।UBA टीम ने सर्वे के दौरान गाँववासियों से आमने-सामने संवाद कर उनकी जीवनशैली, आय के साधन, शिक्षा की स्थिति, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता और विकास से जुड़ी प्राथमिक आवश्यकताओं की जानकारी जुटाई। इस प्रक्रिया में न केवल तथ्यों और आँकड़ों को संकलित किया गया, बल्कि ग्रामीणों की भावनाओं और अपेक्षाओं को भी ध्यानपूर्वक सुना गया।
ग्रामीण विकास ही असली विकास
कुलपति प्रो. (डॉ.) अंकुश मित्तल ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि “ग्रामीण भारत का उत्थान ही वास्तविक भारत का उत्थान है। विश्वविद्यालय का दायित्व केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और गाँवों के सतत विकास में भी हमारी भूमिका महत्वपूर्ण है।” उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षक और विद्यार्थी यदि गाँवों की वास्तविक समस्याओं को समझेंगे, तो उनके समाधान के लिए ठोस और टिकाऊ मॉडल प्रस्तुत कर सकेंगे।
युवाओं में बढ़ेगी जिम्मेदारी
डीन स्टूडेंट वेलफेयर, डॉ. अमरनाथ ने कहा कि “UBA कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों और अध्यापकों को समाज की जमीनी हकीकत को समझने का अवसर मिलता है। यह न केवल ग्रामीण विकास को गति देगा बल्कि युवाओं में सामाजिक जिम्मेदारी और राष्ट्र निर्माण की भावना को भी मजबूत करेगा।”
भविष्य की दिशा
UBA टीम का मानना है कि यह बेसलाइन सर्वे विश्वविद्यालय और गाँवों के बीच साझेदारी को मजबूत करेगा। इससे विश्वविद्यालय को गाँवों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीक और आजीविका से संबंधित योजनाएँ बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही, यह पहल छात्रों को समाज की वास्तविक चुनौतियों से जोड़कर उन्हें संवेदनशील और जागरूक नागरिक बनने की दिशा में प्रेरित करेगी।UBA टीम को विश्वास है कि इस तरह की योजनाबद्ध और सामूहिक पहल से ग्रामीण भारत का समग्र विकास संभव हो सकेगा, और यह कदम “सशक्त गाँव – सशक्त भारत” के सपने को साकार करने में मील का पत्थर साबित होगा।



