कृष्णा नगर में जलभराव से जनता परेशान, पूर्व मेयर प्रत्याशी पूजा गुप्ता ने निगम और पार्षद पर लगाए गंभीर आरोप

(ब्योरो- दिलशाद खान।KNEWS18)
रुड़की। कृष्णा नगर वार्ड में पिछले कई दिनों से हो रहे जलभराव ने स्थानीय निवासियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बरसात के बाद से सड़कें और गलियां पानी में डूबी हुई हैं। घरों के बाहर जमा गंदा पानी न केवल लोगों की दिनचर्या बाधित कर रहा है, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी गंभीर खतरे भी उत्पन्न कर रहा है। इस समस्या को लेकर पूर्व मेयर प्रत्याशी पूजा गुप्ता ने नगर निगम और पार्षद पर सीधा निशाना साधते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं।पूजा गुप्ता ने कहा कि कृष्णा नगर की स्थिति बेहद दयनीय है। नगर निगम और वार्ड पार्षद इस मुद्दे पर पूरी तरह लापरवाह हैं। उन्होंने कहा कि जलभराव की समस्या को लेकर स्थानीय लोग लगातार शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि मेयर और पार्षद की लापरवाही का खामियाजा आम जनता भुगत रही है।
स्थिति बिगड़ने पर पूजा गुप्ता ने खुद पहल करते हुए अपने निजी खर्चे से मोटर पंप लगवाकर पानी की निकासी कराई। उनकी इस कोशिश से स्थानीय लोगों को अस्थायी राहत मिली और आसपास की गलियों में जमा पानी कम हुआ। इस दौरान मौजूद महिलाओं और निवासियों ने पूजा गुप्ता का आभार जताया और कहा कि जब प्रशासन और निगम चुप्पी साधे बैठे हैं, तब उन्होंने आगे बढ़कर मदद की।स्थानीय लोगों ने बताया कि जलभराव की वजह से बच्चों का स्कूल जाना मुश्किल हो गया है। गली-मोहल्लों में फैले पानी से संक्रमण फैलने का डर बढ़ गया है। जंगली जानवर भी पानी में निकलने लगे हैं, जिससे लोगों की सुरक्षा को खतरा है। इसके अलावा मच्छरों की संख्या लगातार बढ़ रही है और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। लोग इस स्थिति को बेहद गंभीर मान रहे हैं और जल्द समाधान की मांग कर रहे हैं।पूजा गुप्ता ने कहा कि निगम का रवैया बेहद गैर-जिम्मेदाराना है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब लोग नगर निगम में टैक्स जमा करते हैं तो बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराना निगम की जिम्मेदारी है। लेकिन यहां हालात यह हैं कि नागरिकों को सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि मेयर और पार्षद जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे।उन्होंने साफ किया कि चुनाव हारने के बावजूद उनका मकसद जनता की सेवा करना है। उन्होंने कहा, “मेरे लिए राजनीति का असली अर्थ जनता की सेवा है। मैं हर हाल में लोगों के सुख-दुख में शामिल रहूंगी और उनकी समस्याओं को हल करने की कोशिश करती रहूंगी।”कृष्णा नगर की इस स्थिति ने न केवल निगम प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि यह भी दर्शाया है कि स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी निभाने में गंभीर कमी है। जलभराव जैसी समस्या केवल असुविधा नहीं, बल्कि जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ा बड़ा मुद्दा है। यदि इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में हालात और गंभीर हो सकते हैं।