मंगलौर में अनधिकृत प्लॉटिंग पर प्राधिकरण की बड़ी कार्रवाई, अवैध निर्माण ध्वस्त
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
रुड़की। मंगलौर तहसील अंतर्गत टांडा रोड–गाधा रोणा रोड क्षेत्र में अनधिकृत प्लॉटिंग के खिलाफ प्राधिकरण ने सख्त कार्रवाई करते हुए अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई शमशाद द्वारा लगभग 4 से 5 बीघा भूमि में बिना स्वीकृत मानचित्र के विकसित की जा रही अनधिकृत प्लॉटिंग के विरुद्ध की गई।प्राधिकरण को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि संबंधित भूमि पर बिना किसी वैधानिक अनुमति के भूखंडों का विकास किया जा रहा है। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि निर्माणकर्ता द्वारा न तो भूमि का विधिवत लेआउट स्वीकृत कराया गया था और न ही निर्माण कार्य के लिए सक्षम प्राधिकरण से मानचित्र पास कराया गया था, जो कि उत्तराखंड में लागू नगर एवं ग्राम नियोजन अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है।प्राधिकरण द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुए अनाधिकृत प्लॉटिंग के विरुद्ध अधिनियम की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत वाद योजित किया गया। इसके साथ ही निर्माणकर्ता को कई बार मौखिक एवं लिखित रूप से निर्देश दिए गए कि जब तक मानचित्र स्वीकृत न हो जाए, तब तक किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से बंद किया जाए। बावजूद इसके, स्थल पर निर्माण कार्य लगातार जारी रखा गया।निर्देशों की अवहेलना को देखते हुए प्राधिकरण की टीम ने मौके पर पहुंचकर अवैध रूप से किए जा रहे निर्माण को ध्वस्त कर दिया। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान संबंधित अधिकारी, कर्मचारी एवं पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा, जिससे किसी प्रकार की कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न हो।रुड़की हरिद्वार विकास प्राधिकरण के ऐई प्रशांत सेमवाल ने स्पष्ट किया कि अनधिकृत निर्माण किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है और भविष्य में इस तरह की गतिविधियों पर और भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। मौके पर उपस्थित अनाधिकृत निर्माणकर्ता को कड़े निर्देश दिए गए कि बिना मानचित्र स्वीकृत कराए एवं नियमानुसार अनुमति प्राप्त किए बिना आगे कोई भी निर्माण कार्य न किया जाए। साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि दोबारा अनधिकृत निर्माण पाया गया तो नियमानुसार दंडात्मक कार्रवाई के साथ-साथ कानूनी कार्यवाही और तेज की जाएगी।प्राधिकरण की उपाध्यक्ष सोनिका ने आम नागरिकों से भी अपील की है कि वे प्लॉट खरीदने या निर्माण शुरू करने से पहले संबंधित प्राधिकरण से सभी दस्तावेजों की जांच अवश्य कर लें। अनधिकृत कॉलोनियों में निवेश करने से न केवल आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि भविष्य में कानूनी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।उपाध्यक्ष सोनिका ने स्पष्ट किया कि क्षेत्र में अवैध प्लॉटिंग और निर्माण के खिलाफ अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा।



