November 7, 2025

उत्तराखंड में पेपर लीक प्रकरण पर सीबीआई जांच: युवाओं का विश्वास जीतने वाला साहसिक कदम

(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)

रुड़की/देहरादून।
राज्य मंत्री सुनील सैनी ने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वे प्रदेश के युवाओं के सच्चे नेता और दिलों की धड़कन हैं। छात्र हितों को सर्वोपरि रखते हुए मुख्यमंत्री सीधे धरना स्थल पर पहुंचे और पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच की संस्तुति की ऐतिहासिक घोषणा की। इस फैसले ने न केवल युवाओं की आवाज को मजबूती दी है, बल्कि पारदर्शिता और न्याय की दिशा में सरकार के ठोस संकल्प को भी दर्शाया है।सुनील सैनी ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी द्वारा लिया गया यह निर्णय युवाओं के साथ खड़े होने की मिसाल है। धरना स्थल पर जाकर छात्रों से संवाद करना और उनकी पीड़ा को समझना एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसने दिखाया कि “अपनों का दर्द अपना ही समझ सकता है”। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि जब तक वे जीवित हैं, तब तक एक-एक छात्र को न्याय दिलाया जाएगा और नकल माफिया या भ्रष्टाचार से जुड़े किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।राज्य मंत्री ने बताया कि धामी सरकार ने पहले ही नकल विरोधी मजबूत कानून लागू कर दिया है, जिसके बाद प्रदेश में परीक्षाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित किया जा रहा है। यह सरकार का दृढ़ निश्चय है कि उत्तराखंड की भर्ती परीक्षाओं में किसी भी प्रकार की धांधली को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि धामी सरकार अब तक 25 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दे चुकी है, और यह सभी नियुक्तियां पूरी पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के साथ हुई हैं। मुख्यमंत्री का यह निर्णय स्पष्ट करता है कि उत्तराखंड सरकार युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।सुनील सैनी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का यह कदम न केवल साहसिक है बल्कि एक ऐतिहासिक निर्णय भी है। भ्रष्टाचार पर सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति एक बार फिर सामने आई है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार किसी भी भ्रष्टाचार या नकल माफिया को संरक्षण नहीं देती बल्कि उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करती है।राज्य मंत्री ने धामी को “धर्म रक्षक” और “युवाओं का नेता” बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा न्याय और सत्य का रास्ता चुनते हैं। युवाओं की मांगों को सर्वोच्च प्राथमिकता देना और बड़े स्तर पर सीबीआई जांच की संस्तुति करना उनके मजबूत नेतृत्व और दूरदर्शिता को दर्शाता है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि उत्तराखंड की सरकार वास्तव में युवाओं की सरकार है और प्रदेश का हर छात्र मुख्यमंत्री के परिवार का सदस्य है। भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने का यह संकल्प युवाओं के भीतर विश्वास और भरोसा मजबूत करता है।अंत में सुनील सैनी ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह साहसिक कदम आने वाले समय में उत्तराखंड की नई पीढ़ी के लिए सुरक्षित और उज्ज्वल भविष्य की गारंटी बनेगा। भ्रष्टाचार, नकल माफिया और धांधली से मुक्त भर्ती प्रक्रिया ही उत्तराखंड के युवाओं को उनके सपनों तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

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