रुड़की मास्टर प्लान के विरोध में उत्तराखंड किसान मोर्चा किसानों का प्रदर्शन
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
रुड़की में उत्तराखंड किसान मोर्चा (उकिमो) के बैनर तले किसानों ने विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों ने शासन द्वारा तैयार किए गए मास्टर प्लान को जनविरोधी करार देते हुए इसे वापस लेने और दोबारा सर्वे कराकर नया नक्शा बनाने की मांग की।किसानों का आरोप है कि मास्टर प्लान में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां की गई हैं। इसमें कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुँचाने और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की कोशिश की गई है। किसानों का कहना है कि जिस नक्शे को मास्टर प्लान के रूप में पेश किया गया है, वह जमीन की वास्तविक स्थिति से मेल नहीं खाता।उकिमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि यह मास्टर प्लान किसानों के हितों के खिलाफ है। इसमें कई जगह ग्रीन जोन को कमर्शियल में और कमर्शियल जमीनों को ग्रीन जोन में दिखा दिया गया है। यह बदलाव न केवल किसानों को नुकसान पहुँचाने वाला है बल्कि आने वाले समय में खेती योग्य जमीन पर संकट खड़ा करेगा।किसानों ने संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र सेठ को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि पूरे क्षेत्र का पुनः सर्वे कराया जाए और वास्तविक स्थिति को ध्यान में रखते हुए नया नक्शा तैयार किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर जल्द गौर नहीं किया गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।जिलाध्यक्ष महेन्द्र सिंह ने कहा कि इस मास्टर प्लान में मनमाने तरीके से बदलाव किए गए हैं। इसमें अपने फायदे के लिए भागदौड़ करने वालों की भूमिका साफ नज़र आ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसमें भू-माफियाओं को लाभ पहुँचाने का प्रयास किया गया है। अनुसूचित जाति को आवंटित पट्टों की भूमि को भी आबादी क्षेत्र में दिखाया गया है, जिससे भूमाफिया फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।तहसील अध्यक्ष राव आकिल ने कहा कि मास्टर प्लान में शामिल नक्शे किसानों की वास्तविक समस्याओं को नज़रअंदाज़ कर तैयार किए गए हैं। उन्होंने अधिकारियों से अवैध कॉलोनियों पर कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की। किसानों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई नहीं की तो किसान सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे।प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। इनमें दीपक पुंडीर, आकिल हसन, शौकीन हाजी, मुमताज हाजी, इसराइल, तनवीर, इमराना, एहसान जमशेद, रहमान, कुबान, इसरार, साजिद, इफ्तकार, तालिब, इमरान, अशफाक, डॉ. इकराम समेत कई अन्य किसान शामिल थे।किसानों का कहना है कि मास्टर प्लान का मौजूदा स्वरूप खेती, पर्यावरण और आम जनता तीनों के लिए हानिकारक है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि किसानों की राय लिए बिना कोई भी मास्टर प्लान लागू न किया जाए।प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा, लेकिन किसानों की चेतावनी से साफ है कि आने वाले समय में यह आंदोलन और भी व्यापक रूप ले सकता है।



