झबरेड़ा चेयरमैन का बड़ा फैसला: अब रेहड़ी-ठेले वाले व्यापारियों से नहीं ली जाएगी तहबाजारी
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
झबरेड़ा। नगर पंचायत झबरेड़ा की ओर से एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया है, जिसने छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत दी है। नगर पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी ने घोषणा की है कि अब नगर में रेहड़ी और ठेला लगाने वाले व्यापारियों से तहबाजारी शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस निर्णय से नगर के सैकड़ों छोटे व्यापारी बेहद खुश हैं और उन्होंने इसे ऐतिहासिक कदम बताया है।नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी हर्षवर्धन सिंह रावत ने जानकारी दी कि अब तक नगर में रेहड़ी-ठेले लगाने वाले व्यापारी प्रतिदिन 10, 20 या 30 रुपये तहबाजारी के रूप में नगर पंचायत को अदा करते थे। यह राशि उन छोटे व्यापारियों पर अतिरिक्त बोझ बनती थी, जो दिन-रात मेहनत कर अपने परिवार का गुजारा करते हैं। लेकिन नगर पंचायत बोर्ड और अध्यक्ष किरण चौधरी ने इस प्रथा को समाप्त कर दिया है।अध्यक्ष किरण चौधरी ने कहा कि चुनाव के समय जो वादे जनता से किए गए थे, उन्हें धीरे-धीरे पूरा किया जा रहा है। रेहड़ी और ठेला लगाने वाले छोटे व्यापारियों के लिए यह फैसला एक बड़ी राहत है क्योंकि इससे उन्हें अनावश्यक टैक्स के बोझ से मुक्ति मिल गई है। उन्होंने बताया कि नगर में छोटे व्यापारियों के हित में आगे भी योजनाएं लागू की जाएंगी।नगर पंचायत प्रशासन ने स्पष्ट किया कि हालांकि तहबाजारी शुल्क पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है, लेकिन इसके बदले में सभी रेहड़ी और ठेला लगाने वाले व्यापारियों को नियमित लाइसेंस बनवाना होगा। अधिशासी अधिकारी ने कहा कि 1 अक्टूबर से पहले सभी व्यापारी 750 रुपये नगर पंचायत में जमा कराकर अपना लाइसेंस बनवा लें। इसके बाद हर वर्ष 1500 रुपये का वार्षिक शुल्क देकर व्यापारियों को लाइसेंस की रसीद प्राप्त करनी होगी।उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि कोई व्यापारी बिना लाइसेंस के ठेला या रेहड़ी लगाएगा, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए नगर पंचायत प्रशासन और सभासदों ने सभी व्यापारियों के साथ बैठक कर उन्हें पूरी जानकारी दी।फैसले के बाद नगर के छोटे व्यापारियों में खुशी की लहर दौड़ गई। रेहड़ी और ठेला लगाने वाले व्यापारियों ने कहा कि नगर पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी ने उनके हित में जो कदम उठाया है, वह वास्तव में सराहनीय है। उन्होंने अध्यक्ष और नगर पंचायत बोर्ड का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस निर्णय से उनका आर्थिक बोझ कम होगा और वे अपना व्यापार और बेहतर तरीके से चला सकेंगे।यह कदम छोटे व्यापारियों को सम्मान और सुरक्षा देने वाला साबित होगा। इससे जहां नगर के गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत मिलेगी, वहीं प्रशासन को भी लाइसेंस व्यवस्था के जरिए पारदर्शिता और अनुशासन लाने में मदद मिलेगी।
झबरेड़ा नगर पंचायत का यह फैसला छोटे व्यापारियों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने और उन्हें व्यवस्थित व्यापारिक वातावरण देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।



