भलस्वागाज़ में आम के चार पेड़ कटने का मामला गरमाया, ठेकेदारों ने वन दरोगा पर रिश्वत का लगाया आरोप

ब्योरो (दिलशाद खान) (रिपोर्ट/KNEWS)
भगवानपुर क्षेत्र के भलस्वागाज़ गाँव में आम के चार पेड़ों की अवैध कटाई का मामला अब नया मोड़ ले चुका है। वन विभाग और उद्यान विभाग द्वारा केस दर्ज किए जाने के बाद अब आरोपित ठेकेदारों ने वन दरोगा पर 45 हज़ार रुपये रिश्वत लेकर वाहन छोड़ने का गंभीर आरोप लगाया है।ठेकेदार मेहर चंद ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उसने भलस्वागाज़ में आम के चार पेड़ काटे थे, जिसकी अनुमति उसके पास नहीं थी। जब इस बात की सूचना वन विभाग को मिली, तो विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पेड़ पातन की अनुमति दिखाने को कहा। अनुमति न होने के कारण मौके पर हड़कंप मच गया। मेहर चंद का आरोप है कि वन दरोगा ने चारों वाहनों को छोड़ने के एवज में 80 हज़ार रुपये की मांग की, जिनमें से 45 हज़ार रुपये मौके पर ही दे दिए गए, जबकि बाकी की रकम दो दिन बाद देने का समय दिया गया था। इसके बावजूद ठेकेदारों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया, जिसे ठेकेदारों ने विभागीय लापरवाही बताया है।
ठेकेदारों ने कहा कि वे इस मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से भी करेंगे। गौरतलब है कि सोमवार शाम को वन दरोगा आशुतोष निम के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने भलस्वागाज़ में चार कटे हुए आम के पेड़ बरामद किए थे। इसके बाद अकरम, मेहर चंद, शमीम और आमिर समेत सात लोगों के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।फिलहाल उद्यान विभाग ने भी भलस्वागाज़ स्थित बाग़ के मालिक बन सिंह को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। वहीं वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों पर केस दर्ज हुआ है, वे पहले भी वन तस्करी के मामलों में लिप्त रहे हैं। विभाग जल्द ही इस मामले में बड़ी कार्रवाई करेगा।वन विभाग ने रिश्वत लेने के सभी आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया है।