आपातकाल की बरसी पर भाजपा का हमला, 25 जून लोकतंत्र के लिए काला अध्याय
(दिलशाद खान)(KNEWS18)
(न्यूज़ रुड़की)। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में काले अध्याय के रूप में दर्ज 25 जून 1975 को लागू आपातकाल की बरसी पर नगर निगम सभागार में भाजपा द्वारा प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। प्रेसवार्ता में वक्ताओं ने इस दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में स्मरण करते हुए लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का संकल्प दोहराया।
राज्यसभा सांसद डॉ. कल्पना सैनी ने कहा कि 25 जून 1975 को तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा लगाया गया आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला दिन था। उन्होंने कहा कि यह दिन न केवल संविधान और कानून की अवहेलना का प्रतीक है, बल्कि उस समय के लाखों नागरिकों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन का भी गवाह है।
भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. मधु सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी तानाशाही प्रवृत्तियों के खिलाफ हमेशा खड़ी रही है और लोकतंत्र की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हर भाजपा कार्यकर्ता इस दिन को याद करते हुए यह संकल्प लेता है कि देश में फिर कभी आपातकाल जैसी स्थिति न आने पाए।
जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को आपातकाल के उस दौर की जानकारी देना अत्यंत आवश्यक है ताकि वे लोकतांत्रिक मूल्यों की महत्ता को समझ सकें और उनके संरक्षण के लिए सजग रहें।
वरिष्ठ भाजपा नेता ललित मोहन अग्रवाल ने कहा कि आपातकाल के दौरान संविधान की आत्मा को गहरी ठेस पहुंची थी और यह देश उस त्रासदी को कभी नहीं भूल सकता।
राज्य मंत्री श्यामवीर सैनी एवं समाजसेवी संजय अरोड़ा ने आपातकाल के दौरान जबरन लागू किए गए नसबंदी कानून पर प्रकाश डाला और कहा कि यह आम जनता के अधिकारों पर सीधा हमला था।
इस अवसर पर भीम सिंह, प्रदीप पाल, सावित्री मंगला, मंडल अध्यक्ष सुमित अग्रवाल, देशपाल रोड, संजय अरोड़ा, पंकज नंदा, रवि राणा, सतीश सैनी आदि भाजपा नेता व कार्यकर्ता उपस्थित रहे।