शंकर मठ आश्रम के 13वें वार्षिकोत्सव का भव्य समापन, उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
शंकर मठ आश्रम श्री कृष्ण प्रणामी गौसेवा धाम के 13वें वार्षिकोत्सव का समापन बड़े ही श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ किया गया। ग्राम शिवपुरी तोड़ा एहतमाल में आयोजित एकादश श्रीमद् भागवत परायण एवं कथा के अंतिम दिन क्षेत्र के विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। भक्तों ने कथा श्रवण के उपरांत विधिवत आरती में भाग लिया तथा भंडारे का प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। पूरे आयोजन स्थल पर भक्तिमय वातावरण बना रहा और “हरि बोल” व “जय श्री कृष्ण” के जयघोष गूंजते रहे।कथा व्यास स्वामी दिनेशानंद भारती जी ने अपने प्रवचनों में श्रीमद् भागवत महापुराण के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मनुष्य यदि सच्चे मन से प्रभु की भक्ति करता है तो उसके द्वारा किए गए समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में शांति, सद्भाव तथा आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है। स्वामी जी ने कहा कि समस्त ग्रंथों में श्रीमद् भागवत सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है, क्योंकि इसमें भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के माध्यम से मानव जीवन के प्रत्येक पक्ष का मार्गदर्शन मिलता है।स्वामी दिनेशानंद भारती ने भक्तों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि प्रभु की कृपा हम सभी पर सदैव बनी रहे, ताकि जन्म-जन्मांतरों तक उनके चरण कमलों में हमारी प्रीति बनी रहे। उन्होंने भावपूर्ण शब्दों में कहा कि हम चाहे किसी भी योनि में जन्म लें, हमें प्रभु के चरणों की ही भक्ति प्राप्त हो और हम कभी उनसे विमुख न हों। प्रभु ही हमारे स्वामी हैं और उनके चरणों से जुड़कर ही मानव जीवन सार्थक बनता है।कार्यक्रम में पूर्व मेयर गौरव गोयल भी विशेष रूप से पहुंचे। उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा में सम्मिलित होकर स्वामी दिनेशानंद भारती जी का आशीर्वाद प्राप्त किया तथा आरती में भाग लेकर प्रभु से जनकल्याण की कामना की। उनकी उपस्थिति से आयोजन की गरिमा और भी बढ़ गई।इस अवसर पर बबलु राणा, जितेंद्र पुंडीर, श्रीगोपाल नारसन, संजय पाल, तेज सिंह वर्मा, अमित अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य व्यक्ति एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे। आयोजन समिति के सदस्यों ने सभी अतिथियों एवं भक्तजनों का आभार व्यक्त किया और कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों से समाज में आध्यात्मिक चेतना जागृत होती है तथा आपसी भाईचारा और सद्भाव मजबूत होता है। कार्यक्रम के समापन पर भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।



