December 11, 2025

आईआईटी रुड़की में हॉप 2025 वैश्विक सम्मेलन का सफल आयोजन सुख–विज्ञान एवं मानव–समृद्धि अनुसंधान में उभरता अग्रणी संस्थान

(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)

रुड़की/उत्तराखंड, 01 दिसंबर 2025।
आईआईटी रुड़की के प्रबन्ध अध्ययन विभाग स्थित हैप्पीनेस–साइंस उत्कृष्टता केंद्र द्वारा रेखी फ़ाउंडेशन फ़ॉर हैपीनैस (यू.एस.ए.) के सहयोग से “हॉप 2025 – वैश्विक सुख और मानव–समृद्धि विज्ञान सम्मेलन” का तीन दिवसीय सफल आयोजन मुख्य परिसर में किया गया। यह आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, विकसित भारत की अवधारणा तथा वैश्विक सतत् विकास लक्ष्यों के अनुरूप साक्ष्य–आधारित कल्याण नीति तथा मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।देश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों — बिट्स पिलानी (के.के. बिड़ला गोवा परिसर), आईआईटी मद्रास, आईजीडीटीयूडब्ल्यू दिल्ली और आईआईएम विशाखापट्टनम सहित कई विशेषज्ञ संस्थानों से आए शोधकर्ताओं और विद्वानों ने इसमें भागीदारी की। इससे सम्मेलन की बहु–विषयक एवं बहु–संस्थानिक प्रकृति और अधिक सुदृढ़ हुई।उद्घाटन सत्र एम.ए.सी. सभागार में आयोजित हुआ, जहाँ उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक डॉ. दीपम सेठ और प्रबन्ध अध्ययन विभाग के प्रमुख प्रो. रजत अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उद्घाटन के बाद “सुख को प्राथमिकता: क्यों कल्याण आधुनिक जीवन का मूल होना चाहिए” विषय पर विचारोत्तेजक पैनल चर्चा हुई। इसमें शिक्षा, सार्वजनिक नीति, संगठनात्मक संस्कृति तथा समुदायों में भावनात्मक धैर्य और मानसिक कल्याण को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया गया।दूसरे दिन आयोजित समानांतर शोध सत्रों में शोधकर्ताओं ने डिजिटल कल्याण, भारतीय ज्ञान परंपरा, शहरी सुख, नेतृत्व और धैर्य, उपभोक्ता सुख, न्यूरो–संज्ञानात्मक दृष्टिकोण, लिंग–आधारित कल्याण और कार्यस्थल मानसिक स्वास्थ्य जैसे विषयों पर अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। साथ ही, सुख–नवाचार प्रतियोगिता (हैप्पीनेस हैकैथॉन) ने युवा शोधकर्ताओं में अभिनव विचारों को सामने लाने का अवसर प्रदान किया। दोपहर में अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों के लिए ऋषिकेश की सांस्कृतिक एवं ध्यान–आधारित अनुभव यात्रा का आयोजन भी किया गया।अंतिम दिन हार्टफ़ुलनेस कार्यशाला के माध्यम से अनुभवात्मक शिक्षण को प्रोत्साहित किया गया और प्रतिभागियों ने एक चिंतन सत्र में तीन दिवसीय सीख को साझा किया कि किस प्रकार सुख–विज्ञान आधारित अनुसंधान समाज को अधिक समृद्ध, दृढ़ और समावेशी बनाने में योगदान दे सकता है।

आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने अपने संदेश में कहा,
“हॉप 2025 आईआईटी रुड़की की उस प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है, जिसके केंद्र में मानव–समृद्धि और सामाजिक कल्याण आधारित विज्ञान और अनुसंधान को आगे बढ़ाना शामिल है। भारत की विकास यात्रा में सुख, मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक धैर्य राष्ट्रीय प्रगति के प्रमुख मानक बनते जा रहे हैं।”सम्मेलन की सामाजिक उपयोगिता पर बोलते हुए पुलिस महानिदेशक डॉ. दीपम सेठ ने कहा कि आधुनिक पुलिसिंग में भावनात्मक संतुलन, ऑनलाइन सुरक्षा और उत्तरदायी कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे विषय अत्यंत महत्व रखते हैं।यह सम्मेलन सतत् विकास लक्ष्य 3, 4, 5, 8, 11, 16 और 17 में प्रत्यक्ष योगदान के साथ शिक्षा, शासन और समुदायों को जोड़ने वाली एक प्रभावशाली पहल के रूप में सामने आया। हॉप 2025 की सफलता ने आईआईटी रुड़की की पहचान को सुख–विज्ञान एवं मानव–विकास अनुसंधान के राष्ट्रीय अग्रणी संस्थान के रूप में और मजबूत किया है। उत्कृष्टता केंद्र भविष्य में भी वैज्ञानिक अंतर्दृष्टियों पर आधारित कल्याणकारी नीतियों और सामाजिक प्रगति को नई दिशा देने हेतु निरंतर प्रयासरत रहेगा।

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