सिरप बनाने वाली कंपनियों और दवा दुकानों पर औचक निरीक्षण, रुड़की में मचा हड़कंप
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
रुड़की। मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से 15 मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद देशभर में हड़कंप मचा हुआ है। इसी के चलते केन्द्रीय औषधि नियंत्रण विभाग और उत्तराखंड ड्रग विभाग ने प्रदेशभर में सिरप बनाने वाली कंपनियों और दवा दुकानों पर सख्ती बढ़ा दी है। शुक्रवार को इसी क्रम में रुड़की और भगवानपुर क्षेत्र में सिरप निर्माण करने वाली तीन कंपनियों तथा कई दवा दुकानों पर औचक निरीक्षण किया गया।सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती के नेतृत्व में निरीक्षण टीम ने मंडावर व भगवानपुर स्थित सिरप निर्माण इकाइयों का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान तीन में से केवल एक कंपनी में सिरप निर्माण कार्य पाया गया, जो मुख्य रूप से पशुओं के लिए दवा बना रही थी। अधिकारियों ने कंपनी को कड़े निर्देश देते हुए कहा कि सभी मानकों और गुणवत्ता नियमों के अनुसार ही उत्पादन किया जाए।टीम ने निरीक्षण के दौरान विभिन्न कंपनियों के रिकॉर्ड, रॉ मटेरियल और तैयार उत्पाद की भी बारीकी से जांच की। वहीं, कई दवा दुकानों पर कफ सिरप की बिक्री और स्टॉक का सत्यापन किया गया। शक के आधार पर पांच सैंपल लिए गए और जांच के लिए लैब में भेज दिए गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि सिरप निर्धारित मानकों के अनुरूप हैं या नहीं।जैसे ही रुड़की क्षेत्र में औषधि विभाग की छापेमारी की खबर फैली, शहरभर के दवा कारोबारियों में हड़कंप मच गया। कई दुकानदारों ने टीम के पहुंचने से पहले ही दुकानें बंद कर दीं और मौके से गायब हो गए। विभाग ने ऐसे दुकानदारों को चिन्हित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है ताकि भविष्य में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि किसी भी दवा दुकान पर बिना डॉक्टर की पर्ची के कफ सिरप की बिक्री नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई जनता की सुरक्षा और दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए की जा रही है। विभाग का यह भी कहना है कि किसी भी उत्पाद में थोड़ी सी भी गड़बड़ी पाई गई तो संबंधित कंपनी और दुकानदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।औषधि विभाग के इस कदम से जहां आमजन को राहत की उम्मीद जगी है, वहीं सिरप निर्माण और बिक्री में लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई का संदेश भी गया है। विभाग आने वाले दिनों में भी प्रदेशभर में ऐसी औचक जांच जारी रखेगा ताकि किसी भी स्तर पर दवाओं की गुणवत्ता से समझौता न हो।



