November 7, 2025

हरिद्वार में कफ सिरप निर्माता कंपनी पर एफडीए की बड़ी कार्रवाई GMP मानकों के उल्लंघन पर उत्पादन बंद, बाजार में सप्लाई पर रोक — ड्रग लाइसेंस रद्द करने की संस्तुति

(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)

हरिद्वार, 10 अक्टूबर 2025।
मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद पूरे देश में औषधि निर्माण इकाइयों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। इसी क्रम में उत्तराखंड औषधि नियंत्रण विभाग (FDA) ने हरिद्वार में कफ सिरप निर्माण करने वाली एक प्रमुख कंपनी Dr. Pals Pharmaceuticals India Private Limited पर बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने GMP (Good Manufacturing Practices) मानकों के गंभीर उल्लंघन पाए जाने के बाद कंपनी का उत्पादन तत्काल प्रभाव से बंद करा दिया है और बाजार में उसकी दवाओं की सप्लाई पर रोक लगा दी है।ड्रग आयुक्त ताजबर सिंह के निर्देश पर विभाग की संयुक्त टीम — जिसमें सीनियर ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती और CDSCO (Central Drugs Standard Control Organisation) के अधिकारी शामिल थे — ने कंपनी के उत्पादन केंद्र का औचक निरीक्षण किया। जांच में पाया गया कि कंपनी दवाओं के निर्माण में निर्धारित तकनीकी एवं गुणवत्ता मानकों का पालन नहीं कर रही थी। उत्पादन इकाई में सफाई व्यवस्था लचर पाई गई, रॉ मटेरियल का भंडारण अनुचित तरीके से किया गया था और गुणवत्ता जांच के दस्तावेज भी अधूरे मिले।निरीक्षण के बाद ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने कंपनी का उत्पादन तत्काल रोकने (Stop Production Order) का आदेश जारी किया। इसके साथ ही कंपनी की तैयार दवाओं की सप्लाई बाजार में रोक दी गई है। औषधि विभाग ने कंपनी का ड्रग मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द करने की संस्तुति राज्य औषधि आयुक्त कार्यालय को भेज दी है।टीम ने मौके से कफ सिरप और अन्य औषधियों के सैंपल लिए हैं, जिन्हें परीक्षण के लिए राज्य औषधि प्रयोगशाला में भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा से जुड़ी वास्तविक स्थिति का खुलासा होगा। यदि दवाएं असुरक्षित या निम्न गुणवत्ता की पाई गईं, तो कंपनी और उसके जिम्मेदार अधिकारियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती ने कहा कि औषधि निर्माण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, “जनता के स्वास्थ्य और सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। औषधि निर्माण में GMP मानकों की अनदेखी करने वाले किसी भी प्रतिष्ठान पर सख्त कार्रवाई होगी।” एफडीए ने हाल के दिनों में पूरे हरिद्वार जिले में दवा दुकानों, अस्पतालों और फार्मास्युटिकल यूनिट्स पर ताबड़तोड़ औचक निरीक्षण शुरू किए हैं। कई मेडिकल स्टोर्स से सैंपल लिए जा चुके हैं और दोषी पाए जाने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।

राज्य औषधि नियंत्रण विभाग ने सभी फार्मा कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे अपने उत्पादन केंद्रों में GMP मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें, अन्यथा उत्पादन बंद कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विभाग का उद्देश्य स्पष्ट है — जनता तक केवल सुरक्षित, मानक और गुणवत्तापूर्ण दवाएं ही पहुंचें।

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