महिला हेल्पलाइन हरिद्वार का सराहनीय प्रयास,टूटते परिवारों को जोड़ने में मिला सफल परिणाम,5 परिवार टूटने से बचे

(ब्योरो- दिलशाद खान।KNEWS18)
हरिद्वार, 12 सितम्बर 2025।
आज रिज़र्व पुलिस लाइन रोशनाबाद, हरिद्वार में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद हरिद्वार, श्री प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के दिशा-निर्देशन में महिला ऐच्छिक ब्यूरो की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य परिवारों में बढ़ते विवादों और मतभेदों को दूर कर उन्हें टूटने से बचाना रहा।बैठक में महिला हेल्पलाइन हरिद्वार द्वारा अब तक आए जटिल पारिवारिक विवादों की समीक्षा की गई और दोनों पक्षों को आमने-सामने बैठाकर समझौते का प्रयास किया गया। परिणामस्वरूप 05 परिवारों को टूटने से बचाया गया और 03 प्रकरणों में सोचने-समझने के लिए अगली तिथि तय की गई। यह पहल हरिद्वार पुलिस की उस संवेदनशील सोच को दर्शाती है, जिसके माध्यम से समाज की नींव माने जाने वाले परिवार को सुरक्षित और मजबूत बनाने का प्रयास हो रहा है।इस बैठक में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। नोडल अधिकारी महिला सुरक्षा/हेल्पलाइन, सुश्री निशा यादव (सहायक पुलिस अधीक्षक), मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर अरुण कुमार, समाजशास्त्री श्री विनोद शर्मा, अधिवक्ता सुश्री रीमा साहीम, समाज सेविका एवं प्रधानाचार्य श्रीमती रंजना शर्मा, प्रभारी महिला हेल्पलाइन मायापुर उपनिरीक्षक अंशु चौधरी, कांस्टेबल पंकज रावत और महिला कांस्टेबल आंचल मनवाल उपस्थित रहे।इन विशेषज्ञों ने पारिवारिक विवादों की जड़ों को समझने और समाधान निकालने के लिए पक्षों से गहन वार्ता की। मनोवैज्ञानिक और समाजशास्त्री की सक्रिय भूमिका ने विवादों को सुलझाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि महिला हेल्पलाइन और महिला ऐच्छिक ब्यूरो का उद्देश्य केवल विवादों को हल करना ही नहीं, बल्कि परिवारों को आपसी संवाद, धैर्य और समझदारी के माध्यम से जोड़े रखने की शिक्षा देना भी है। पुलिस अब केवल अपराध की रोकथाम तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक समरसता को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभा रही है। इस पहल के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि हर समस्या का समाधान अदालत या अलगाव में नहीं, बल्कि आपसी बातचीत और समझौते में छिपा है। पारिवारिक टूटन केवल पति-पत्नी तक सीमित नहीं रहती, बल्कि बच्चों और पूरे परिवार पर गहरा असर डालती है। ऐसे में महिला हेल्पलाइन हरिद्वार की यह कोशिश समाज के लिए एक बड़ा कदम है।बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि महिला ऐच्छिक ब्यूरो समय-समय पर इस प्रकार की काउंसलिंग बैठकों का आयोजन करता रहेगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा परिवारों को टूटने से बचाया जा सके। साथ ही, लोगों को यह जागरूक किया जाएगा कि वे विवादों को लंबा खींचने की बजाय समय रहते काउंसलिंग का सहारा लें।
निष्कर्ष
महिला हेल्पलाइन हरिद्वार और पुलिस प्रशासन का यह प्रयास न केवल सामाजिक समरसता को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पुलिस अब समाज की भलाई के लिए संवेदनशील भूमिका निभा रही है। 05 परिवारों को टूटने से बचाना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, जो आने वाले समय में अन्य परिवारों के लिए प्रेरणा का कार्य करेगी।