आईआईटी रुड़की दीक्षांत समारोह 2025 : 178 वर्षों की विरासत और नवाचार का उत्सव, 2,614 स्नातकों का सम्मान

(ब्योरो- दिलशाद खान।KNEWS18)
रुड़की, 5 सितंबर 2025 – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने अपनी 178 साल की गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को दीक्षांत समारोह 2025 आयोजित किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर कुल 2,614 छात्रों (1,267 स्नातक, 847 स्नातकोत्तर और 500 पीएचडी) को उपाधियाँ प्रदान की गईं। इनमें से 602 महिला छात्राएँ रहीं, जो संस्थान की लैंगिक विविधता और समावेशिता की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। विशेष रूप से महिला पीएचडी स्कॉलरों की संख्या 2023 में 57 से बढ़कर 2025 में 178 पहुँच गई। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह उपस्थित रहे। साथ ही प्रो. (डॉ.) निर्मलजीत सिंह कलसी (आईएएस, सेवानिवृत्त) और भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के सचिव श्री पंकज अग्रवाल ने भी छात्रों को संबोधित किया। समारोह की अध्यक्षता आईआईटी रुड़की अभिशासक परिषद के अध्यक्ष डॉ. बी.वी.आर. मोहन रेड्डी ने की।
स्वर्ण पदक विजेता
राष्ट्रपति स्वर्ण पदक – वंश सैनी
निदेशक स्वर्ण पदक – हार्दिक साहनी
राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक – श्रेया मित्तल
संस्थान रजत पदक – बालगा पवन साई
संस्थान कांस्य पदक – अनवद्य खरे
निदेशक प्रो. के.के. पंत ने संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि – क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में आईआईटी रुड़की 339वें स्थान पर है।लगातार चौथे वर्ष एनआईआरएफ रैंकिंग में वास्तुकला एवं नियोजन में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।इस वर्ष 146 पेटेंट दाखिल किए गए और ₹399 करोड़ अनुसंधान निधि हासिल की गई।खान मंत्रालय ने आईआईटी रुड़की को राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (NCMM) के अंतर्गत उत्कृष्टता केंद्र घोषित किया।स्टार्टअप इकोसिस्टम में 180 से अधिक स्टार्टअप्स ने 4,700 करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य हासिल किया, वहीं छात्रों को 1,100 से अधिक जॉब ऑफर मिले, जिनमें 12 अंतरराष्ट्रीय ऑफर शामिल हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “आईआईटी रुड़की ने स्टार्टअप आंदोलन और आपदा जोखिम प्रबंधन में देश को नई दिशा दी है। संस्थान की उपलब्धियाँ इसकी निरंतर उत्कृष्टता का प्रमाण हैं।”
डॉ. निर्मलजीत सिंह कलसी ने छात्रों को राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी निभाने और विनम्रता व उद्देश्य के साथ नेतृत्व करने का आह्वान किया। पंकज अग्रवाल ने कहा, “सच्ची आत्मनिर्भरता अपने नवाचारों से आएगी, न कि दूसरों के औज़ारों से।”2025 के स्नातक वर्ग में 23% महिला प्रतिनिधित्व दर्ज किया गया। महिला शोधार्थियों की संख्या में यह बढ़ोतरी आईआईटी रुड़की की समावेशी नीतियों का परिणाम है। एमएसी ऑडिटोरियम में शिक्षक दिवस 2025 भी मनाया गया। इस अवसर पर प्रो. स्पर्श मित्तल, प्रो. ए. स्वामीनाथन, प्रो. जितिन सिंगला, प्रो. कीर्तिराज के. गायकवाड़ और प्रो. कृतिका कोठारी सहित कई प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों को शिक्षण एवं अनुसंधान पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। प्रो. प्रवीण कुमार को आजीवन शिक्षण उपलब्धि पुरस्कार से नवाजा गया।आईआईटी रुड़की का दीक्षांत समारोह 2025 न केवल स्नातकों की उपलब्धियों का उत्सव रहा, बल्कि यह संस्थान की नवाचार, अनुसंधान, विविधता और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक भी बना।