बड़ी खबर- सहकारी बैंक में अनुशासनात्मक कार्रवाई: दो प्रबंधक निलंबित,आठ की तनख्वाह रोकी

ब्योरो/(दिलशाद खान) (रिपोर्ट-KNEWS18)
(रुड़की/हरिद्वार , 25 जुलाई 2025)
सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के सख्त निर्देशों के बाद हरिद्वार जिला सहकारी बैंक में बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया गया है। अनुशासन और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दो शाखा प्रबंधकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि आठ अन्य शाखा प्रबंधकों के वेतन पर रोक लगा दी गई है।यह कार्रवाई जिला सहकारी बैंक, हरिद्वार के मुख्यालय बी.टी. गंज, रुड़की में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान की गई, जिसकी अध्यक्षता अपर निबंधक सहकारिता श्री आनंद ए.डी. शुक्ला ने की। बैठक में बैंक की विभिन्न शाखाओं की वित्तीय स्थिति, एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्ति) की समीक्षा, निक्षेप (डिपॉजिट) वृद्धि, ऋण वितरण और प्रशासनिक गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की गई।
निलंबित शाखा प्रबंधकों के नाम: श्री प्रशांत शुक्ला, वरिष्ठ शाखा प्रबंधक, बहादराबाद शाखा ,श्री देवनारायण चौधरी, शाखा प्रबंधक, खानपुर शाखा,
जिन शाखाओं के प्रबंधकों के वेतन पर रोक लगाई गई:
रुड़की मुख्य शाखा, गणेशपुर,भगवानपुर,झबरेड़ा,लक्सर,खानपुर,राइसी,तेजुपुर
बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय: एनपीए 10% से अधिक होने पर संबंधित शाखा प्रबंधकों का वेतन रोका जाएगा।तीन माह में एनपीए को 68 करोड़ से घटाकर 40 करोड़ तक लाने का लक्ष्य तय किया गया।जिन शाखाओं का डिपॉजिट 10 करोड़ से कम है, उन्हें 20 करोड़ तक बढ़ाने के निर्देश।सभी शाखाओं को 15 अगस्त तक पैक्स कम्प्यूटरीकरण पूर्ण करने और सौंदर्यीकरण सुनिश्चित करने के निर्देश।
मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का बयान: “प्रदेश में सहकारिता प्रणाली को ईमानदार, पारदर्शी और जनता के हित में कार्यरत बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। लापरवाही और लचर कार्यसंस्कृति को अब किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो अधिकारी परिणाम देंगे, उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा, लेकिन जो अपने कर्तव्यों से विमुख हैं, उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।”उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने हेतु हर स्तर पर उत्तरदायित्व तय कर रही है।यह कार्रवाई राज्य में सहकारिता प्रणाली को सुदृढ़ और परिणामोन्मुखी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।