आईआईटी रुड़की में 69वीं डीएई सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स सिम्पोज़ियम का भव्य उद्घाटन, क्वांटम और एडवांस्ड मैटीरियल्स रिसर्च को नई दिशा
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रुड़की के कन्वोकेशन हॉल में 69वीं डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी (डीएई) सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स सिम्पोज़ियम (डीएई-एसएसपीएस 2025) का औपचारिक उद्घाटन हुआ। यह प्रतिष्ठित वैज्ञानिक आयोजन सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स, एडवांस्ड मैटीरियल्स, एनर्जी मैटीरियल्स और क्वांटम-एनेबल्ड टेक्नोलॉजीज़ में भारत की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और वैश्विक वैज्ञानिक नेतृत्व को रेखांकित करता है।
यह सिम्पोज़ियम 19 से 23 दिसंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। इसका आयोजन भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (बार्क), मुंबई द्वारा किया गया है, जिसे बोर्ड ऑफ रिसर्च इन न्यूक्लियर साइंसेज़ (बीआरएनएस) और डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी (डीएई), भारत सरकार का प्रायोजन प्राप्त है। आईआईटी रुड़की इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन की मेज़बानी कर रहा है, जो राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण वैज्ञानिक विमर्श को आगे बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है।
उद्घाटन सत्र में देश के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों के वरिष्ठ वैज्ञानिक और शिक्षाविद उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफ़ेसर कमल किशोर पंत, निदेशक, आईआईटी रुड़की ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. एस. एल. चापलोट, पूर्व निदेशक, फ़िज़िक्स ग्रुप, बार्क उपस्थित रहे, जिन्होंने कीनोट संबोधन दिया। उनके साथ बार्क और आईआईटी रुड़की के कई वरिष्ठ वैज्ञानिक, कन्वीनर एवं आयोजन समिति के सदस्य मंचासीन रहे।
अपने संबोधन में प्रोफ़ेसर कमल किशोर पंत ने कहा कि डीएई सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स सिम्पोज़ियम लगभग सात दशकों से भारत में मैटीरियल साइंस और कंडेन्स्ड मैटर फ़िज़िक्स के विकास का आधार रहा है। उन्होंने बताया कि आईआईटी रुड़की में इसका आयोजन क्वांटम टेक्नोलॉजीज़, क्लीन एनर्जी, एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक्स और रणनीतिक प्रणालियों से जुड़े मूलभूत शोध को आगे बढ़ाने की संस्थान की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मुख्य अतिथि डॉ. एस. एल. चापलोट ने अपने कीनोट भाषण में कहा कि सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स में हुई प्रगति ने ऊर्जा, इलेक्ट्रॉनिक्स और उभरती क्वांटम तकनीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाए हैं। उन्होंने डीएई-एसएसपीएस जैसे मंचों को वैज्ञानिक प्रतिभा को प्रोत्साहित करने और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मज़बूत करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
सिम्पोज़ियम के कन्वीनर डॉ. डी. भट्टाचार्य ने कहा कि यह मंच वर्षों से वैज्ञानिकों की नई पीढ़ी को तैयार करने और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं व शैक्षणिक संस्थानों के बीच मजबूत संबंध स्थापित करने में सहायक रहा है। 69वाँ संस्करण अत्याधुनिक शोध और भविष्य उन्मुख सहयोग को बढ़ावा देगा।
इस पाँच दिवसीय सिम्पोज़ियम में प्लेनरी और इनवाइटेड लेक्चर, कंट्रीब्यूटेड टॉक्स तथा पोस्टर प्रेज़ेंटेशन आयोजित किए जाएंगे। प्रमुख विषयों में क्वांटम और फ़ंक्शनल मैटीरियल्स, सुपरकंडक्टिविटी, स्पिन्ट्रॉनिक्स, नैनो-स्केल सिस्टम्स, ऊर्जा एवं रेडिएशन-प्रतिरोधी मैटीरियल्स तथा न्यूक्लियर और रणनीतिक अनुप्रयोगों से जुड़े शोध शामिल हैं।
युवा वैज्ञानिकों, शोधार्थियों और अर्ली-कैरियर रिसर्चर्स की सक्रिय भागीदारी इस आयोजन की विशेषता है। कुल मिलाकर, 69वीं डीएई सॉलिड स्टेट फ़िज़िक्स सिम्पोज़ियम भारत को एडवांस्ड मैटीरियल्स और क्वांटम रिसर्च के क्षेत्र में वैश्विक मंच पर और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रहा है।



