आईआईटी रुड़की ने नवाचार और विकसित भारत@2047 के विज़न के साथ मनाया 79वां स्वतंत्रता दिवस

(ब्योरो- दिलशाद खान।KNEWS18)
रुड़की, उत्तराखंड | 15 अगस्त 2025 – 178 वर्षों की गौरवशाली विरासत और एशिया के पहले इंजीनियरिंग कॉलेज होने का गौरव रखने वाले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की ने ऐतिहासिक जेम्स थॉमसन भवन के सामने 79वां स्वतंत्रता दिवस और भारत की स्वतंत्रता की 78वीं वर्षगांठ देशभक्ति और भव्यता के साथ मनाई। इस अवसर पर छात्रों, शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों और उनके परिवारों ने एकता और राष्ट्रीय गौरव की जीवंत मिसाल पेश की।कार्यक्रम की शुरुआत ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता कवि सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित कुलगीत “जयति जयति विद्या संस्थान” के सामूहिक गायन से हुई। इस गीत ने संस्थान की भावना, शाश्वत मूल्यों और राष्ट्र सेवा के संकल्प को सजीव किया। इसके बाद निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत ने सैनिक सलामी का निरीक्षण किया और राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिसका उपस्थित जनसमूह ने ज़ोरदार जयघोष से स्वागत किया।अपने संबोधन में प्रो. पंत ने संस्थान की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला, जिनमें बढ़ते वैश्विक सहयोग, रिकॉर्ड तोड़ पेटेंट फाइलिंग, उद्योग को सफल प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन के तहत उत्कृष्टता केंद्र के रूप में हाल की मान्यता शामिल है। उन्होंने कहा,“स्वतंत्रता दिवस हमें उन बलिदानों और आदर्शों की याद दिलाता है जिन्होंने राष्ट्र का निर्माण किया। आईआईटी रुड़की में हम केवल शोध पत्रों और रैंकिंग तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ऐसे समाधान विकसित कर रहे हैं जो लोगों को सशक्त बनाते हैं और देश को मजबूत बनाते हैं।एआई, डेटा विज्ञान, अर्धचालक, स्वच्छ ऊर्जा, महत्वपूर्ण खनिज और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में हमारा कार्य विकसित भारत@2047 के लक्ष्य की दिशा में एक ठोस कदम है।
”कार्यक्रम में एबीएन सीनियर सेकेंडरी स्कूल, अनुश्रुति एकेडमी फॉर द डेफ और आईआईटी रुड़की की सांस्कृतिक सोसायटी के छात्रों ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और स्वतंत्रता-एकता के मूल्यों को दर्शाती मनमोहक प्रस्तुतियां दीं।दोपहर में थिंक इंडिया, आईआईटी रुड़की द्वारा आयोजित तिरंगा यात्रा में छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। राजीव भवन से प्रारंभ हुआ यह जुलूस राष्ट्र के आदर्शों के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक बना।समारोह का समापन उत्कृष्टता, अखंडता और नवाचार बनाए रखने की सामूहिक प्रतिज्ञा के साथ हुआ। परंपरा और नवाचार के अद्वितीय संगम के साथ आईआईटी रुड़की ने एक बार फिर यह साबित किया कि वह न केवल तकनीकी उत्कृष्टता का केंद्र है, बल्कि भारत और विश्व के लिए परिवर्तनकारी बदलाव का एक प्रमुख प्रेरक भी है।