“रुड़की में धूमधाम से मनाया गया हरेला पर्व, वन विभाग ने जनप्रतिनिधियों के साथ किया वृक्षारोपण”

ब्योरो(दिलशाद खान) (रिपोर्ट/KNEWS18)
रुड़की वन विभाग ने हरेला पर्व को बड़े ही उत्साह और भव्यता के साथ मनाया। पर्व के अवसर पर वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया। एसडीओ अनिल बलूनी ने जानकारी दी कि 16 जुलाई से ही विभिन्न रेंज क्षेत्रों में हरेला पर्व पर वृक्षारोपण की शुरुआत कर दी गई थी, जिसमें जनप्रतिनिधियों की भी सक्रिय भागीदारी रही।
पूर्व सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, पर्यटन बोर्ड के राज्य मंत्री जगदंबिनी, पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक के साथ-साथ स्थानीय विधायक मोहम्मद शहजाद (लक्सर), ममता राकेश (भगवानपुर) और रवि बहादुर (ज्वालापुर) ने भी इस पर्यावरणीय अभियान में भाग लिया। हरेला पर्व के दौरान लगभग 100 पौधे लगाए गए, जिसमें वन विभाग के उच्च अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी सहयोग किया।
विभाग की ओर से निजी व सरकारी संस्थानों को उनकी मांग के अनुसार पौधे वितरित किए गए। जो जनप्रतिनिधि या संस्थाएं किसी कारणवश कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाईं, उन्हें भी पौधे वितरित किए जा रहे हैं। यह वितरण प्रक्रिया अभी जारी है।
एसडीओ अनिल बलूनी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि यदि पेड़ों से जुड़ी कोई समस्या हो, तो वे नियमानुसार आवेदन करें, ताकि विभाग की ओर से त्वरित सहायता मिल सके। उन्होंने रुड़की में बढ़ती आबादी और प्रदूषण को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि लोगों को पर्यावरण के प्रति सजग होने की आवश्यकता है।
बलूनी ने नागरिकों से आग्रह किया कि प्रत्येक व्यक्ति कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाए और उसकी देखभाल करे। उन्होंने कहा कि केवल कावड़ पटरी और नहर किनारे कुछ वृक्ष शेष हैं, बाकी क्षेत्र लगभग पेड़विहीन हो चुके हैं। वृक्ष ही ऑक्सीजन का स्रोत हैं, जो हमें स्वच्छ वातावरण प्रदान करते हैं।
हरेला पर्व की महत्ता:
हरेला पर्व उत्तराखंड का एक पारंपरिक पर्व है, जो हरियाली, पर्यावरण संरक्षण और कृषि संस्कृति का प्रतीक है। यह पर्व लोगों को प्रकृति से जोड़ने और वृक्षारोपण के प्रति प्रेरित करने का कार्य करता है। उत्तराखंड में विशेष रूप से इस दिन पौधे लगाना एक परंपरा बन चुकी है, जो आने वाली पीढ़ियों को एक स्वच्छ और हरा-भरा वातावरण देने का संदेश देती है।