आईआईटी रुड़की में “डिज़ाइन फॉर भारत – यूथ इनोवेशन चैलेंज” प्रदर्शनी का आयोजन,सामाजिक चुनौतियों के समाधान पर जोर
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
विकसित भारत @2047 के विज़न को साकार करने की दिशा में युवाओं की रचनात्मक शक्ति को मंच प्रदान करने हेतु आईआईटी रुड़की में “डिज़ाइन फॉर भारत – यूथ इनोवेशन चैलेंज” प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।

यह प्रदर्शनी विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग 2026 के अंतर्गत आयोजित की गई, जो युवा कार्य मंत्रालय तथा खेल एवं युवा कार्य मंत्रालय, भारत सरकार की एक महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय पहल है।“डिज़ाइन फॉर भारत – यूथ इनोवेशन चैलेंज” एक राष्ट्रीय स्तर की डिज़ाइन प्रतियोगिता है, जिसका उद्देश्य 18 से 29 वर्ष आयु वर्ग के युवाओं को देश की सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक चुनौतियों के समाधान हेतु नवाचारी और व्यावहारिक डिज़ाइन विकसित करने के लिए प्रेरित करना है। यह प्रतियोगिता डिज़ाइन-आधारित सोच के माध्यम से सामाजिक प्रभाव उत्पन्न करने और नवाचार को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। चार चरणों में आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता का अंतिम चरण नई दिल्ली में राष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं पुरस्कार समारोह के रूप में संपन्न होगा।इस प्रतिष्ठित पहल के अंतर्गत, डिज़ाइन इनोवेशन सेंटर, आईआईटी रुड़की द्वारा 16 दिसंबर 2025 को टिंकरिंग लैब, आईआईटी रुड़की में एक विशेष प्रदर्शनी आयोजित की गई। उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों से अनेक छात्र टीमों ने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रतियोगिता में पंजीकरण किया था, जिनमें से चयनित टीमों को इस प्रदर्शनी में अपने नवाचारी डिज़ाइन और रचनात्मक समाधानों को प्रस्तुत करने का अवसर मिला। प्रदर्शनी के माध्यम से शीर्ष तीन टीमों का चयन किया जाएगा, जो आगे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेकर अपने विचारों को देशव्यापी मंच पर प्रस्तुत करेंगी।कार्यक्रम का सफल समन्वय प्रोफेसर इंदरदीप सिंह, अधिष्ठाता (अवसंरचना) एवं समन्वयक, डिज़ाइन इनोवेशन सेंटर, आईआईटी रुड़की द्वारा किया गया। वे इस प्रतियोगिता के लिए आईआईटी रुड़की के नोडल अधिकारी भी हैं। उनके मार्गदर्शन में प्रदर्शनी को सुव्यवस्थित एवं प्रभावशाली रूप प्रदान किया गया।इस अवसर पर प्रोफेसर नवीन कुमार नवानी, अधिष्ठाता (शैक्षणिक कार्य), आईआईटी रुड़की तथा प्रोफेसर विवेक कुमार मलिक, अधिष्ठाता (प्रायोजित अनुसंधान एवं औद्योगिक परामर्श), आईआईटी रुड़की मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में प्रोफेसर वरुण शर्मा, समन्वयक, टिंकरिंग लैब; प्रोफेसर सोनल अत्रेय एवं प्रोफेसर विभूति रंजन भट्टाचार्य, डिज़ाइन विभाग के संकाय सदस्य; डॉ. अजय डी. जैन, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, एसएमएयू हरिद्वार; श्री सुमित्रा पांडे, इंडस्ट्रियल रिसर्च कंसल्टेंट तथा डॉ. नील मणि, निदेशक, सीएआई एवं आर, देव संस्कृति विश्वविद्यालय शामिल रहे।अतिथियों ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित डिज़ाइनों का अवलोकन किया और प्रतिभागियों से संवाद स्थापित करते हुए उनकी नवाचार क्षमता, रचनात्मक सोच एवं सामाजिक प्रासंगिकता की सराहना की। वक्ताओं ने कहा कि इस प्रकार की पहलें न केवल युवाओं में समस्या-समाधान की क्षमता विकसित करती हैं, बल्कि विकसित भारत @2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
यह प्रदर्शनी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी और यह संदेश दिया कि नवाचार, डिज़ाइन और सामाजिक जिम्मेदारी के समन्वय से ही आत्मनिर्भर और विकसित भारत की नींव रखी जा सकती है।



