रुड़की में दंत चिकित्सा गुणवत्ता पर भारतीय मानक ब्यूरो का जागरूकता कार्यक्रम

(दिलशाद खान)(KNEWS18)
(न्यूज़ रुड़की)। दंत चिकित्सा उपकरणों में गुणवत्ता और मानकीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), देहरादून शाखा द्वारा रुड़की में एक महत्वपूर्ण संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शीर्षक था “मानक मंथन एवं उद्योग संवेदनशीलता कार्यक्रम”, जिसमें क्षेत्रीय उद्यमियों, निर्माताओं और तकनीकी विशेषज्ञों ने सक्रिय सहभागिता की।
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य दंत चिकित्सा उपकरणों से संबंधित अधिसूचित भारतीय मानकों — IS 19051:2025, IS 18951:2025 और IS 18101:2023 — तथा गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCOs) की जानकारी उद्योग जगत तक पहुँचाना था।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद श्रीमती कल्पना सैनी रहीं, जिन्होंने BIS के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि, “गुणवत्ता और सुरक्षा किसी भी सशक्त राष्ट्र की नींव होती हैं। भारतीय मानक अपनाकर हम ‘मेक इन इंडिया’ को एक नई ऊँचाई दे सकते हैं।”
उत्तराखंड माटी कला बोर्ड के राज्य मंत्री श्री शोभराम प्रजापति और रुड़की स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज़ के अध्यक्ष श्री भरत भूषण ने भी इस अवसर पर उद्यमियों को BIS प्रमाणन से मिलने वाले लाभों की विस्तृत जानकारी दी।
BIS देहरादून के निदेशक एवं प्रमुख सौरभ तिवारी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए बताया कि, “दंत चिकित्सा उपकरणों में मानकों का अनुपालन न केवल रोगी-सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि यह उत्पादों की जैव-संगतता और वैश्विक स्तर पर गुणवत्ता सुनिश्चित करता है।” उन्होंने जीवन रक्षक उपकरण, उन्नत निदान तकनीक और सहायक प्रौद्योगिकियों पर भी प्रकाश डाला, साथ ही BIS की डिजिटल, सरल और उद्योग-अनुकूल प्रमाणन प्रक्रिया को समझाया।
कार्यक्रम में रुड़की, भगवानपुर, बहादराबाद, सिडकुल और हरिद्वार से जुड़े अस्सी से अधिक दंत उपकरण निर्माता, आपूर्तिकर्ता, उद्यमी तथा शैक्षणिक एवं सरकारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें केतन भारद्वाज, अजय गर्ग, राकेश मित्तल, सुनील पांडे, आत्मा सिंह, शिवम गोयल, राजकुमार शर्मा, ऐक्यू अंसारी, राहुल प्रजापति और अशोक शुक्ला प्रमुख रूप से शामिल रहे।
प्रतिभागियों ने BIS विशेषज्ञों से प्रत्यक्ष संवाद किया और तकनीकी मार्गदर्शन प्राप्त किया। यह कार्यक्रम उद्योग जगत को वैश्विक गुणवत्ता मानकों की दिशा में प्रेरित करने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है।