कब तक सरकार वंचित आंदोलनकारियों को झूठ बोलकर गुमराह करेगी : कमला बमोला
रुड़की, 11 नवम्बर।
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति के बैनर तले आज रुड़की में आंदोलनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर रोष व्यक्त किया। समिति की वरिष्ठ आंदोलनकारी कमला बमोला ने कहा कि सरकार बार-बार झूठे आश्वासन देकर बंचित आंदोलनकारियों को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण में अपनी जान और सम्मान की बाज़ी लगाने वाले सैकड़ों आंदोलनकारी आज भी चिन्हीकरण से वंचित हैं, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।समिति के केन्द्रीय अध्यक्ष एवं रुड़की के प्रथम राज्य आंदोलनकारी हर्ष प्रकाश काला ने बताया कि 2 अक्टूबर को रामपुर तिराहा दिवस और 10 अक्टूबर को भाजपा जिला कार्यालय के लोकार्पण के अवसर पर समिति ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें 9 नवम्बर तक चिन्हीकरण से वंचित आंदोलनकारियों की सूची जारी करने की मांग की गई थी। लेकिन सरकार ने इस गंभीर विषय को नजरअंदाज करते हुए छह महीने तक फाइलों में लटका दिया। उन्होंने कहा कि यह रवैया आंदोलनकारियों के बलिदान के अपमान के समान है।हर्ष प्रकाश काला ने कहा कि जब आंदोलनकारी अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते हैं तो उन्हें सिर्फ आश्वासन मिलता है, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं होता। इसी कारण समिति ने आज से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शीघ्र ठोस कदम नहीं उठाए, तो एक सप्ताह बाद आंदोलनकारी आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे।इस बीच, संयुक्त मजिस्ट्रेट रुड़की ने मौके पर पहुंचकर आंदोलनकारियों से वार्ता की और कहा कि प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीर है। उन्होंने आश्वासन दिया कि चिन्हीकरण से वंचित आंदोलनकारियों की सूची उपलब्ध कराकर सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। उनके अनुरोध पर समिति ने फिलहाल एक माह के लिए आमरण अनशन स्थगित करने की घोषणा की, लेकिन आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया।धरना स्थल पर उपस्थित महिला आंदोलनकारी कमला बमोला ने कहा कि राज्य निर्माण में महिलाओं का योगदान सबसे अधिक रहा, लेकिन आज भी अधिकांश महिला आंदोलनकारी चिन्हीकरण से बाहर हैं। यह न केवल अन्याय है, बल्कि राज्य की आत्मा के साथ विश्वासघात भी है। उन्होंने कहा कि जब तक अंतिम आंदोलनकारी को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।धरना स्थल पर जिवानंद बुडाकोटी, पार्वती रावत, जगत विलास कुकरेती, प्रदीप बुडाकोटी, जगदीश जदली, रमेश ध्यानी, आनंदी बौखण्डी, मंगला नन्द जोशी, बसंत जोशी, शशि द्विवेदी, भगत सिंह रौथाण, मनमोहन सिंह नेगी, दर्शनी पालीवाल, सरोज थपलियाल, कौशल्या नेगी, लक्ष्मी रावत, सरोजनी डिमरी, रुक्मा ग्वाड़ी, भागीरथी रौतेला, सुबदा पुण्डीर, महिपाल सिंह नेगी, राजू कंडियाल, होमी जोशी, सरोज रावत और दर्शन सिंह रावत सहित कई आंदोलनकारी मौजूद रहे।धरने में वक्ताओं ने एक सुर में कहा कि अगर राज्य आंदोलनकारियों की उपेक्षा का यही क्रम चलता रहा तो सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन खड़ा किया जाएगा। समिति ने कहा कि यह लड़ाई किसी पद या लाभ के लिए नहीं, बल्कि सम्मान और पहचान की है — जिसे किसी भी कीमत पर हासिल किया जाएगा।



