रुड़की में आयोजित प्रथम राष्ट्र विभूति सम्मान समारोह में देशभर से आई हस्तियों को किया गया सम्मानित
(ब्योरो दिलशाद खान।KNEWS18)
रुड़की।
फोनिक्स यूनिवर्सिटी के सेमिनार हॉल में योगेश शिक्षा कला संस्कृति एवं पर्यावरण उत्थान ट्रस्ट और फोनिक्स यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में “प्रथम राष्ट्र विभूति सम्मान समारोह 2025” का भव्य आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि शहीदे-ए-आजम भगत सिंह के भतीजे एडवोकेट किरणजीत सिंह संधू ने कहा कि —

“प्रतिभाओं के सम्मान से न केवल उनके प्रयासों को मान्यता मिलती है, बल्कि यह समाज में प्रेरणा का स्रोत भी बनता है और जनहितैषी कार्यों के प्रति उत्साह को बढ़ाता है।”समारोह में देशभर के विभिन्न राज्यों से आईं डेढ़ सौ से अधिक विभूतियों को राष्ट्र विभूति सम्मान से अलंकृत किया गया। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार कला, शिक्षा, संस्कृति, साहित्य, विज्ञान, समाजसेवा, खेल, पत्रकारिता, उद्यमिता, ज्योतिष और अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को प्रदान किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता फोनिक्स यूनिवर्सिटी के चेयरमैन इंजीनियर चैरब जैन ने की। वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में ‘प्रणाम पर्यटन’ के संपादक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, डॉ. प्रिया जाडू (पूर्व निदेशक, राज्य संसाधन केन्द्र, उत्तराखंड), तथा समाजसेवी डॉ. बी.एल. यादव (निदेशक, सीएमडी इंटरनेशनल स्कूल, दिल्ली) उपस्थित रहे।समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनीष पांडेय, डॉ. पंकज कुमार मिश्रा (कुलपति, फ्यूचर यूनिवर्सिटी बरेली), डीके शर्मा (निदेशक, शेफील्ड स्कूल रुड़की), डॉ. नवीन खन्ना सहित अनेक गणमान्य अतिथियों ने प्रतिभाग किया। अतिथिगणों द्वारा विभूतियों को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र, सम्मान की पगड़ी, प्रशस्ति पत्र और समय की सूचक घड़ी प्रदान की गई।इस अवसर पर नन्हे जादूगर निपूर्ण के जादू प्रदर्शन और केके गर्ग की मधुर बांसुरी वादन ने कार्यक्रम को मनोरम बना दिया। समारोह में लगभग चार सौ से अधिक शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और विद्यार्थी उपस्थित रहे।कार्यक्रम में ट्रस्ट के अध्यक्ष जन्मेजय, सचिव सुमन चौहान, कोषाध्यक्ष कामना शर्मा, समन्वयक संजय वत्स, डॉ. स्वाति चौधरी, डॉ. आयशा अंसारी सहित मध्यप्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और सिक्किम से आए प्रतिष्ठित अतिथि उपस्थित रहे।इस दौरान डॉ. आकांक्षा रूपा चचरा की पुस्तकों — “जीवन कामूल मंत्र”, “नया सवेरा जीवन चक्र”, और “खेल-खेल में हिंदी सीखो” — का लोकार्पण किया गया। साथ ही डॉ. शशि देवली ‘शिवी’ की पुस्तक “ब्वारी” का विमोचन भी संपन्न हुआ।कार्यक्रम का संचालन संजय वत्स और डॉ. विजय कुमार त्यागी ने संयुक्त रूप से किया। अंत में बांसुरी की मधुर धुन के साथ राष्ट्रगान हुआ और भोजन प्रसाद के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।रुड़की की पावन धरा ने इस अवसर पर एक ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनते हुए देश की महान विभूतियों के सम्मान में गौरवमय अध्याय जोड़ा।



