November 7, 2025

किसानों का संघर्ष रंग लाया, इकबालपुर शुगर मिल ने किया करोड़ों का भुगतान

(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)

रुड़की 34 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे किसानों का संघर्ष आखिरकार रंग लाया है। इकबालपुर शुगर मिल ने गन्ना बकाया भुगतान की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए किसानों को लगभग 4 करोड़ 54 लाख रुपये का चेक सौंपा है। इस बड़े फैसले के बाद उत्तराखंड किसान मोर्चे ने मुख्यमंत्री आवास पर प्रस्तावित आत्मदाह कार्यक्रम को स्थगित करने की घोषणा की, हालांकि आंदोलन जारी रखने का स्पष्ट संकेत भी दिया गया है।

34 दिन से चल रहा था धरना

उत्तराखंड किसान मोर्चा के बैनर तले किसान ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर बीते 34 दिनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों की प्रमुख मांगों में गन्ना बकाया भुगतान, स्मार्ट मीटर का विरोध और अन्य कृषि समस्याओं का समाधान शामिल था। किसान नेताओं का आरोप था कि शुगर मिलें लंबे समय से गन्ना बकाया चुकाने में लापरवाही कर रही हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है।

आत्मदाह की चेतावनी के बाद प्रशासन सक्रिय

किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन रोड ने तीन दिन पहले ही प्रशासन को चेतावनी दी थी कि यदि 27 सितंबर तक गन्ना बकाया नहीं चुकाया गया, तो किसान मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह करेंगे। इस चेतावनी ने प्रशासन को सक्रिय कर दिया और अंततः इकबालपुर शुगर मिल प्रबंधन को भुगतान की प्रक्रिया शुरू करनी पड़ी।

अधिकारियों की मौजूदगी में सौंपा गया चेक

शनिवार को धरनास्थल पर ही इकबालपुर शुगर मिल के डीजीएम कैन शिव कुमार सिसोदिया ने जिला गन्ना अधिकारी कपिल मोहन मिश्रा को 4 करोड़ 54 लाख रुपये का चेक सौंपा। जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि यह राशि 20 से 31 दिसंबर 2024 तक की गन्ना आपूर्ति से संबंधित है और शीघ्र ही किसानों के खातों में जमा हो जाएगी।

किसानों को मिली आंशिक राहत

भुगतान की शुरुआत से किसानों में आंशिक राहत देखने को मिली है। हालांकि किसान नेताओं का कहना है कि यह केवल शुरुआत है और जब तक संपूर्ण बकाया राशि का भुगतान नहीं हो जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। गुलशन रोड ने स्पष्ट कहा कि किसानों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता और वे अपने हक की लड़ाई अंत तक लड़ेंगे।

आंदोलन जारी रखने का ऐलान

किसान मोर्चा ने आत्मदाह कार्यक्रम स्थगित करने के फैसले को सामूहिक जीत करार दिया, लेकिन चेतावनी भी दी कि यदि शेष बकाया का भुगतान शीघ्र नहीं किया गया तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। किसानों ने स्मार्ट मीटर सहित अन्य मुद्दों को भी उठाया और सरकार से तत्काल समाधान की मांग की।

निष्कर्ष

किसानों के इस लंबे संघर्ष ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि एकजुटता और निरंतरता से चलाया गया आंदोलन सत्ता और प्रशासन को झुकाने पर मजबूर कर देता है। फिलहाल, 4 करोड़ 54 लाख रुपये का भुगतान किसानों के खातों में पहुंचने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिससे उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिली है। लेकिन संपूर्ण गन्ना बकाया चुकता होने तक उत्तराखंड किसान मोर्चा ने आंदोलन जारी रखने का ऐलान कर रखा है।

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