हरिद्वार में गंगा संरक्षण को लेकर सख्त निर्देश,सीडीओ आकांक्षा कोण्डे ने कहा– गंगा को निर्मल बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी
(ब्योरो -दिलशाद खान।KNEWS18)
हरिद्वार, 29 सितम्बर 2025 –
मां गंगा और उनकी सहायक नदियों की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने नई पहल की है। सोमवार को जिला कार्यालय सभागार में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) आकांक्षा कोण्डे ने की। उन्होंने कहा कि गंगा केवल नदी नहीं, बल्कि भारत की आस्था और संस्कृति की जीवनधारा है। इसे स्वच्छ रखना हर नागरिक का कर्तव्य है। बैठक में गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए संचालित हो रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) की समीक्षा की गई। सीडीओ ने निर्देश दिए कि जिले में संचालित सभी एसटीपी पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। उनका कहना था कि इससे संचालन की निगरानी आसान होगी और किसी भी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही तुरंत पकड़ में आ सकेगी। उन्होंने समिति के सभी सदस्यों से कहा कि इस विषय में विस्तृत जानकारी समय-समय पर साझा की जाए।सीडीओ ने हरकी पैड़ी, भीमगोड़ा, चमगादड़ टापू, दूधियाबंध, दक्षिण काली मंदिर, आस्था पथ और कांवड़ पटरी मार्ग पर हो रहे अतिक्रमण पर चिंता जताई। उन्होंने नगर निगम, एचआरडीए और सिंचाई विभाग को संयुक्त रूप से कार्रवाई करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि गंगा तटों पर कब्जा कर बनाए गए ढांचे न केवल अवैध हैं, बल्कि गंगा की धारा और उसके सौंदर्य को भी प्रभावित करते हैं। इसलिए ऐसे अतिक्रमणों को तुरंत हटाया जाए।सीडीओ आकांक्षा कोण्डे ने कहा कि गंगा के जल को दूषित होने से रोकने के लिए व्यावहारिक कदम उठाना जरूरी है। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि हरकी पैड़ी और अन्य घाटों पर बने पुलों पर लोहे की जालियां लगाई जाएं। इससे गंगा में अपशिष्ट, प्लास्टिक और अन्य सामग्री फेंकने की घटनाओं पर रोक लगेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदार विभागों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गंगा की निर्मलता को बनाए रखने के लिए सीडीओ ने घोषणा की कि 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2025 तक विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। यह अभियान ‘नमामि गंगे कार्यक्रम’ के तहत आयोजित होगा। इस दौरान गंगा तटों पर सफाई अभियान, वृक्षारोपण, जनजागरूकता रैलियां और विभिन्न शैक्षिक संस्थानों में संगोष्ठियां आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि अभियान को सफल बनाने के लिए सभी विभाग, समाजसेवी संस्थाएं और स्थानीय लोग मिलकर काम करेंगे।बैठक में मुख्य नगर आयुक्त नंदन कुमार, आर जिलाधिकारी दीपेंद्र सिंह नेगी, अभियंता जल संस्थान (गंगा) हरीश बंसल, जिला शिक्षा अधिकारी आशुतोष भंडारी, प्रोजेक्ट मैनेजर (नमामि गंगे) मीनाक्षी मित्तल, आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, गंगा समिति के सदस्य रामेश्वर गौड़, मनोज निषाद और संजय सकलानी, डीपीओ नमामि गंगे सत्यदेव आर्य सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।सीडीओ आकांक्षा कोण्डे के निर्देशों ने साफ कर दिया कि जिला प्रशासन गंगा की स्वच्छता के प्रति गंभीर है। एसटीपी पर निगरानी, अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही, पुलों पर जालियां लगाने और विशेष स्वच्छता अभियान जैसे कदम निश्चित रूप से गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।



