भुमिया कॉलोनी में अधूरा पड़ा सड़क और नाली निर्माण,स्थानीय लोगो का फूटा गुस्सा

(ब्योरो- दिलशाद खान।KNEWS18)
रुड़की। भुमिया कॉलोनी (वार्ड नं. 23) सलेमपुर, राजपूताना के निवासियों ने नगर निगम की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाते हुए नगर आयुक्त और मेयर को पत्र सौंपा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क और अंडरग्राउंड नाली निर्माण कार्य की गति अत्यंत धीमी है और जो कार्य अब तक हुआ है, वह भी गुणवत्ता के मानकों पर खरा नहीं उतर रहा।गौरतलब है कि रिट याचिका संख्या 2031/2025 और 1882/2025 पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय नैनीताल ने 24 जुलाई 2025 को नगर निगम रुड़की को आदेश दिए थे कि क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाए। अदालत के निर्देश के अनुपालन में निगम ने 6 अगस्त 2025 से कार्य प्रारंभ कराया। शुरुआत में क्षेत्रवासियों ने राहत की सांस ली और उम्मीद जताई कि वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान हो जाएगा, लेकिन कार्य की रफ्तार धीरे-धीरे थम गई।एक माह का समय बीत जाने के बाद भी काम बेहद धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। ठेकेदार द्वारा अधूरा कार्य छोड़ देने से कॉलोनी की स्थिति पहले से भी ज्यादा खराब हो गई है। अधूरी नाली और कच्ची सड़क के कारण गंदगी फैल रही है और बरसात में जलभराव की समस्या और अधिक गंभीर हो गई है। लोगों का कहना है कि अधूरे निर्माण के कारण सड़क पर बने गड्ढों में कभी भी दुर्घटना हो सकती है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि नाली निर्माण अधूरा होने के कारण जगह-जगह पानी ठहर जाता है। इससे दुर्गंध फैल रही है और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। खासकर महिलाओं और बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने यह भी कहा कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता बेहद खराब है और यह मानकों के अनुरूप नहीं है।कॉलोनीवासियों ने अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि उनकी हठधर्मिता और लापरवाही की वजह से काम अधूरा पड़ा हुआ है। उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेशों की अनदेखी करना न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में आता है, जिस पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।निवासियों ने मेयर और मुख्य नगर आयुक्त से मांग की है कि अधूरे कार्य को तत्काल पूरा कराया जाए ताकि क्षेत्रवासियों को गंदगी, जलभराव और हादसों से राहत मिल सके। साथ ही दोषी अधिकारियों और ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो।लोगों ने साफ कहा है कि यदि जल्द ही समाधान नहीं किया गया तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उनका कहना है कि अदालत के आदेश के बावजूद काम अधूरा छोड़ना जनहित के साथ खिलवाड़ है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।नगर निगम को सौंपे गए पत्र में दीपक सैनी, संजीव सैनी, संध्या तिवारी, योगेश, धीरज, रश्मि सैनी, प्रवीण सेनी समेत कई अन्य लोगों ने हस्ताक्षर किए और अपनी समस्याओं से अधिकारियों को अवगत कराया।