अभियंता दिवस पर एचआरडीए ने भारत रत्न डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को दी श्रद्धांजलि
(ब्योरो – दिलशाद खान।KNEWS18)
हरिद्वार, 15 सितम्बर 2025।
हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) ने अभियंता दिवस के अवसर पर भारत रत्न डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को बड़े ही श्रद्धा और सम्मान के साथ याद किया। अभियंता दिवस हर वर्ष 15 सितम्बर को मनाया जाता है, जो महान अभियंता और भारत रत्न से सम्मानित डॉ. विश्वेश्वरैया की जयंती का प्रतीक है। यह दिन देशभर में इंजीनियरिंग और तकनीकी क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान को स्मरण करने और नई पीढ़ी के अभियंताओं को प्रेरणा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
एचआरडीए कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत अधिशासी अभियंता, अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा डॉ. विश्वेश्वरैया के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर एवं माल्यार्पण से की गई। सभी उपस्थित जनों ने उनके महान कार्यों को याद करते हुए उन्हें नमन किया। इस अवसर पर वक्ताओं ने उनके जीवन और योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉ. विश्वेश्वरैया अनुशासन, नवाचार और कर्तव्यनिष्ठा के प्रतीक थे। उन्होंने न सिर्फ इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बल्कि देश के विकास, सिंचाई प्रणाली और जल प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय योगदान दिया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि डॉ. विश्वेश्वरैया के विचार आज भी अभियंताओं को राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरित करते हैं। उन्होंने अपनी तकनीकी दक्षता और दूरदर्शी दृष्टिकोण से ऐसे कार्य किए, जो देश को प्रगति की राह पर आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हुए। कर्नाटक के कृष्णराज सागर बाँध से लेकर देशभर में आधुनिक जल प्रबंधन और सिंचाई परियोजनाओं तक, उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
अधिकारियों ने उपस्थित अभियंताओं से आह्वान किया कि वे अपने कार्यों में गुणवत्ता, नवाचार और जनहित को सर्वोपरि रखें। इंजीनियर सिर्फ तकनीकी विकास के संवाहक ही नहीं, बल्कि समाज की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस अवसर पर यह भी संकल्प लिया गया कि एचआरडीए अपने सभी विकास कार्यों में सुरक्षित, सतत और जन-हितैषी दृष्टिकोण को अपनाएगा, ताकि समाज की प्रगति और क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान दिया जा सके।
कार्यक्रम का समापन इस विश्वास और संकल्प के साथ हुआ कि डॉ. विश्वेश्वरैया के आदर्शों और सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए एचआरडीए आने वाले समय में भी गुणवत्ता और नवाचार को प्राथमिकता देता रहेगा। अधिकारियों ने कहा कि अभियंता दिवस केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं, बल्कि यह अवसर हमें अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों को याद दिलाता है। अभियंताओं की भूमिका सिर्फ संरचनाएं खड़ी करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र के सामाजिक-आर्थिक विकास की रीढ़ को मजबूत करने से भी जुड़ी हुई है।इस प्रकार एचआरडीए ने अभियंता दिवस को एक सार्थक अवसर बनाते हुए न सिर्फ डॉ. विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि दी, बल्कि यह भी संदेश दिया कि आने वाली पीढ़ियां उनके आदर्शों से प्रेरित होकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में सक्रिय योगदान देती रहेंगी।



