जिलाधिकारी पौड़ी की कार्यवाही के विरोध में अभियंता संघ आक्रोशित, मुख्यमंत्री को सौंपा गया ज्ञापन, अभियंता वर्ग ने जताई नाराजगी
(ब्योरो- दिलशाद खान।KNEWS18)
रुड़की/देहरादून, 15 सितम्बर 2025।
उत्तराखंड में आई आपदा की विकट परिस्थितियों के बीच जिलाधिकारी पौड़ी द्वारा लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग खंड श्रीनगर के अभियंताओं के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराए जाने से अभियंता वर्ग में गहरा आक्रोश व्याप्त है। इस कार्यवाही को अभियंताओं ने हठधर्मिता, मनमानी और तानाशाहीपूर्ण कदम करार दिया है। उत्तराखंड अभियंता महासंघ की प्रांतीय कार्यकारिणी ने 14 सितम्बर को हुई आपातकालीन बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जिलाधिकारी पौड़ी की इस कार्रवाई का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। अभियंताओं का कहना है कि जब पूरा राज्य आपदा से जूझ रहा है और अभियंता अपनी जान की परवाह किए बिना सड़क मार्ग बहाल करने में जुटे हैं, तब इस तरह की प्राथमिकी निराशाजनक और अनुचित है।महासंघ ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि 16 सितम्बर तक अभियंताओं की मांगें पूरी नहीं हुईं तो 17 सितम्बर को प्रांतीय कार्यकारिणी की अगली बैठक में कठोर आंदोलनात्मक निर्णय लिया जाएगा। अभियंताओं ने ऐलान किया है कि वे सभी जिलों में जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे और विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर कार्य करेंगे।
अभियंताओं की प्रमुख मांगें
1. जिलाधिकारी पौड़ी द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी को तत्काल निरस्त किया जाए।
2. आपदा प्रबंधन में कार्यरत अभियंताओं को सुरक्षा प्रदान की जाए और उनके खिलाफ की गई कार्यवाही को रद्द किया जाए।
3. यदि विभागीय जांच में जिलाधिकारी पर संवेदनहीन कार्यवाही का दोष सिद्ध होता है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धाराओं के अंतर्गत उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाए।
4. भविष्य में अभियंता वर्ग को हतोत्साहित होने से बचाने के लिए ऐसे अधिकारियों की नियुक्ति की जाए जो जमीनी हकीकत से वाकिफ हों और आपदा जैसी परिस्थितियों में सहयोगात्मक रवैया अपनाएं।
मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
ज्ञापन में अभियंताओं ने स्पष्ट किया कि 11 सितम्बर को श्रीनगर क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग का 40–45 मीटर हिस्सा बह गया था। ऐसे कठिन हालात में अभियंता व मशीन चालक अपनी जान जोखिम में डालकर मार्ग को सुचारु करने का प्रयास कर रहे थे। बावजूद इसके जिलाधिकारी पौड़ी ने अभियंताओं पर प्राथमिकी दर्ज करा दी। अभियंताओं ने इसे आपदा राहत कार्यों में बाधा डालने वाला कदम बताया।ज्ञापन पर कई वरिष्ठ अभियंताओं ने हस्ताक्षर किए, जिनमें जतेंद्र सिंह देव, डी.पी. सिंह, एम. मुस्तफा, आर.के. गुप्ता, सुधीर कुमार, विजयपाल कुमार सैनी, चेतना पुरोहित, दीपक कुमार, सी.पी.एस. गंगवार, विपिन कुमार चौबे और यशवीर मल शामिल हैं।
अभियंता संघ की चेतावनी
अभियंता संघ ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर तुरंत संज्ञान नहीं लिया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। अभियंताओं ने यह भी कहा कि आपदा प्रबंधन के बीच इस प्रकार की कार्रवाई से राज्य के पुनर्निर्माण कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।



