रुड़की कॉलेज संकट: प्रबंधन विवाद की भेंट चढ़ा स्टाफ का वेतन, बढ़ी नाराज़गी
(ब्योरो- दिलशाद खान।KNEWS18)
के.एल.डी.ए.वी. (पी.जी.) कॉलेज रुड़की इस समय गहरे संकट से जूझ रहा है। कॉलेज के समस्त शिक्षक एवं गैर-शिक्षक कर्मचारी पिछले छह माह से वेतन न मिलने के कारण नाराज़ और हताश हैं। आलम यह है कि सोमवार सुबह कॉलेज स्टाफ ने गेट पर धरना-प्रदर्शन किया और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ ज़ोरदार नारेबाज़ी की। कर्मचारियों का आरोप है कि प्रबंधन तंत्र के आपसी विवाद और शासन की उदासीनता के चलते उन्हें महीनों से वेतन नहीं मिल पाया है, जिससे उनका जीवन-यापन कठिन हो गया है।धरने के दौरान कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. पूर्णिमा श्रीवास्तव ने कहा कि उन्हें पिछले छह माह से वेतन नहीं मिला है। इसके चलते उनके परिवार की आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। उन्होंने बताया कि वेतन भुगतान की मांग को लेकर कई बार कॉलेज स्वामी, विभागीय अधिकारियों और यहां तक कि शिक्षा मंत्री तक को पत्र लिखे गए, लेकिन हर बार केवल आश्वासन मिला, समाधान नहीं। उनका कहना था कि प्राचार्य ने भी इस विषय में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री को अनेक पत्र भेजे, परंतु अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।शिक्षकों का कहना है कि लगातार वेतन न मिलने से अब छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित होने लगी है। यदि हालात ऐसे ही बने रहे तो कॉलेज की शैक्षणिक व्यवस्था चरमरा सकती है। शिक्षकों और कर्मचारियों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि समय पर वेतन नहीं मिला तो वह आगामी छात्रसंघ चुनाव का बहिष्कार करेंगे और व्यापक आंदोलन की राह अपनाएंगे।इसी कड़ी में 11 सितंबर 2025 को शिक्षकों और कर्मचारियों की संयुक्त बैठक हुई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि यदि 15 सितंबर तक वेतन भुगतान नहीं किया गया तो 27 सितंबर से सामूहिक कार्य बहिष्कार (हड़ताल) शुरू कर दी जाएगी। कर्मचारियों ने कहा कि यह उनका मजबूरी भरा कदम होगा क्योंकि वेतन भुगतान उनकी मूलभूत आवश्यकता है।शिक्षकों और कर्मचारियों ने यह भी कहा कि वेतन न मिलने से वे भारी मानसिक तनाव में जी रहे हैं। बच्चों की शिक्षा, पारिवारिक खर्च और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना कठिन हो गया है। चिकित्सा जैसी आवश्यकताओं को भी पूरा करना संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे हालात में सरकार और प्रबंधन की लापरवाही उन्हें आंदोलन करने पर मजबूर कर रही है।धरने के दौरान कॉलेज परिसर में जबरदस्त माहौल देखने को मिला। शिक्षक और कर्मचारी हाथों में तख्तियां लेकर प्रशासन के खिलाफ नारे लगा रहे थे। उनका कहना था कि जब तक वेतन भुगतान सुनिश्चित नहीं होता, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा और इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।इस मौके पर प्राचार्य एम.पी. सिंह, प्रो. डॉ. मंजुल धीमान, डॉ. तनवीर आलम, शशी त्यागी, मिथलेश कुमारी, पूजा अरोड़ा, प्रो. अर्शी रास्तोगी, डॉ. वंदिता श्रीवास्तव, नवीन कुमार, किरण भारती, मेघा जुयाल, मनोज कुमार शर्मा, अंबिका भट्ट, मोनू राम, अजय कुमार त्यागी, राजीव गुप्ता, मुदित गर्ग, रणतेज सिंह, राजेश चंद्रा, पुष्पेंद्र कुमार, अमित अग्रवाल, ललित कुमार बत्रा, आदेश कुमार सैनी, आयुष ग्रोवर, सुभाष, हरीश खंडूरी, कृष्ण पाल, धर्मवीर, रूपेंद्र बहादुर, नरेश कुमार, अमित कुमार, तेजपाल, मीना रौथाण, सोनिया, शताक्षी तायल सहित बड़ी संख्या में शिक्षक व कर्मचारी मौजूद रहे।अब सबकी निगाहें शासन और उच्च शिक्षा विभाग पर टिकी हैं कि क्या वह कॉलेज कर्मचारियों की इस गहरी नाराजगी को गंभीरता से लेगा और वेतन भुगतान समय रहते सुनिश्चित करेगा या नहीं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो 27 सितंबर से शुरू होने वाली हड़ताल कॉलेज की शिक्षा व्यवस्था और छात्रों के भविष्य पर गंभीर असर डाल सकती है।



