September 13, 2025

रुड़की में दिखी गंगा-जमुनी तहज़ीब: मुस्लिम समुदाय ने कांवड़ियों को बाँटा प्रसाद, पेश की एकता की मिसाल

(दिलशाद खान)(KNEWS18)

रुड़की, उत्तराखंड:
हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने-अपने गंतव्य की ओर बढ़ते लाखों कांवड़ियों का स्वागत और सेवा पूरे मार्ग पर विभिन्न शिविरों में किया जा रहा है। रुड़की की कांवड़ पटरी पर भी जगह-जगह सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों द्वारा शिविर लगाए गए हैं, जहाँ श्रद्धालुओं को जल, भोजन और विश्राम की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस सेवा भाव का एक अनूठा और प्रेरणादायक उदाहरण रुड़की के सिविल लाइन क्षेत्र में देखने को मिला, जहाँ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कांवड़ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित कर साम्प्रदायिक सौहार्द और भाईचारे की एक मिसाल पेश की।

सेवा में जुटे मुस्लिम समाज के लोग – मुस्लिम समाज के लोगों ने शिवभक्तों को प्रसाद और जल वितरित कर यह संदेश दिया कि इंसानियत और सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य यही है कि तपस्या कर रहे शिवभक्तों को आराम और सहयोग मिल सके। वसीम कुरैशी और शहज़ाद कुरैशी ने कहा, “शिवभक्तों की सेवा सबसे बड़ी सेवा है। जो श्रद्धालु नंगे पैर कठिन यात्रा कर गंगाजल ला रहे हैं, उनकी सेवा का अवसर मिलना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।” उन्होंने यह भी कहा कि आगे भी वे इसी तरह सेवा कार्य करते रहेंगे।

 वहीं सामाजिक कार्यकर्ता गगन कालरा ने बताया कि चारों तरफ ‘बम बम भोले’ के जयकारों के साथ श्रद्धालु अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे पूरा शहर शिवमय हो गया है। उन्होंने कहा कि वे कई वर्षों से कांवड़ यात्रा में सेवा कर रहे हैं और भोलेनाथ का आशीर्वाद बना रहा तो यह सेवा जीवनभर करते रहेंगे। गगन ने कहा, “हर किसी को शिवभक्तों की सेवा जरूर करनी चाहिए। मैं प्रार्थना करता हूं कि जो भी श्रद्धालु जिस मनोकामना से जल लेकर जा रहे हैं, उनकी सभी कामनाएं पूरी हों और उनकी यात्रा मंगलमय रहे।”

सेवा भाव ने बढ़ाई कांवड़ यात्रा की पवित्रता – इस अवसर पर गगन कालरा, वसीम कुरैशी, अमित सहदेव, शहज़ाद कुरैशी, गगन अरोड़ा, मोनू, अश्विनी ठकराल, अनुधीर, अमान कुरैशी, फहीम कुरैशी सहित कई सेवादारों ने कांवड़ियों की सेवा की। इस पहल ने न केवल कांवड़ यात्रा की पवित्रता को और भी बढ़ा दिया, बल्कि सामाजिक एकता और धार्मिक सौहार्द की एक सशक्त मिसाल पेश की।

यह पहल बताती है कि असली भारत वह है जहाँ सभी धर्म, जाति और वर्ग मिलकर एक-दूसरे की मदद करते हैं और एक-दूसरे के पर्व और भावनाओं का सम्मान करते हैं।

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